कुली और कंडक्टर से शुरु हुआ जीवन का सफर, अब मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

दक्षिण सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फिल्म जगत के सर्वश्रेष्ठ दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने बताया, 51वां दादा साहेब फाल्के सम्मान महान नायक रजनीकांत को दिया जाएगा। रजनीकांत बीते 5 दशकों से भारतीय सिनेमा पर राज कर रहे हैं। इस साल यह सिलेक्शन ज्यूरी ने किया है। इस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल रहे हैं।
कुली और कंडक्टर से शुरु हुआ सफर
साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत का शुरुआती जीवन काटों भरा रहा। महज़ 5 साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया। जिसके बाद घर की जिम्मेदारियों ने उन्हें घेर लिया। घर चलाने के लिए उन्होंने कुली का काम किया। कई वर्षों तक वे बस में कंडक्टर भी रहे। बता दें, रजनीकांत ने एक्टिंग की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की। इस दौरान वे दुर्योधन के किरदार में खूब सराहे गए। रजनीकांत की पहली फिल्म अपूर्वा रागनलाल थी। जिसके बाद वे कई अन्य फिल्मों में नेगेटिव रोल में नज़र आए।
मालूम हो, बतौर हीरो रजनीकांत ने ओरु केल्विकुरी नाम की फिल्म से अपना जलवा बिखेरा था। जिसके बाद उनकी लोकप्रियता इस कदर बढ़ी कि लोग उन्हें भगवान की उपाधि देने लगे। वर्ष 1983 में उन्होंने अंधा कानून मूवी से बॉलीवुड में एंट्री ली, जिसके बाद उन्होंने पूरे देश को लोगों के दिलों में जगह बना ली। दिन-प्रतिदिन नई उंचाइयों को छूने वाले रजनीकांत स्वभाव से सरल और सौम्य हैं। दूसरों की दुख, तकलीफ उनसे बर्दाश्त नहीं होती इसलिए वे अक्सर लोगों की मदद करते नजर आते हैं।

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