आज गीता जयंती है, भगवान वासदेव ने दिया था गीता का ज्ञान

गीता जयंती

गीता जयंती


आज गीता जयंती है , हिन्दु पंचांग के अनुसार अगहन माह के शुक्ल पक्ष की मोक्ष एकादशी की तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है । हिन्दु धर्म में इस दिन का विशेस महत्व है , गीता हिन्दूओं का एक पवित्र ग्रंथ हैं , गीता धर्म ग्रंथ में समस्त जीवन का समुचा सार है । आज हीं के दिन भगवान वासुदेव ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था । भगवान ने अर्जुन को जीवन में कर्म की प्रधानता और धर्म की प्रधानता का उपदेश दिया था । महाभारत के भयंकर लडाई में भगवत गीता का उपदेश दिया था । इसमें कर्म की प्रधानता को बताया है । भगवान के द्वारा कही गयी गीता के उपदेशों को पढना , सुनना और भगवान द्वारा कही गयी गीता के मार्ग पर चलना बहुत हीं शुभ माना जाता है। अगर आपको धर्म का अनुसरण करना हो तो आप गीता के मार्ग पर चल सकते हैं । गीता जयंती प्रतिवर्ष मनायी जाति है , गीता जयंती को भगवत गीता और गीतोपनिषद के नाम से जाना जाता है। आपको अगर अपने जीवन के तमाम समस्याओं को और संकाओं को मिटाना है तो आपको गीता के सभी श्लोक को पढना चाहिए , वैसे आपको बता दें कि बता दें कि गीता में कुल 18 अध्याय है जिसमें 700 श्लोक हैं
गीता जयंति के अवसर पर जानते है गीता के कुछ गीता के उपदेश को जानते हैं।

  1. इस संसार में सारे जीव भगवान के हीं अंश हैं।
  2. काम , क्रोध तथा लोभ नरक के द्वार हैं।
  3. अंत समय में जो जिस भाव का स्मरण करता है वो उसी भाव को प्राप्त करता है।
  4. प्रक्रिति हमेशा परिवर्तित होति रहती है।
  5. ज्ञान को प्राप्त करने के लिए विनम्रता आवश्यक है।
  6. आत्मा न तो जन्म लेती है और न ही परती है।
  7. भगवान को जानने के लिए एकमात्र साधन है भक्ति।

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