अफगानिस्तान में तालिबान का क्रूर चेहरा आया सामने, चोरी के आरोप में चार लोगों के हाथ काटे

अफगानिस्तान में तालिबान का क्रूर चेहरा आया सामने

अफगानिस्तान में तालिबान का क्रूर चेहरा आया सामने

Rajtilak Sharma। तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के समय दुनिया को कई वादे किए थे जिसमें उसने कहा था कि आने वाले वक्त में तालिबान अपने काम करने के तौर तरीकों में बदलाव करेगा। लेकिन सत्ता पर काबिज हुए करीब डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है फिर भी उसकी कार्यशैली में कोई भी बदलाव नहीं हो रहा है। एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान ने शरिया कानून के तहत चोरी और पुरुषों से दुष्कर्म के आरोपियों को सरेआम कोड़े बरसाने की सजा दी। इतना ही नहीं तालिबान ने चोरी के आरोपी चार लोगों के फुटबॉल स्टेडियम में हाथ काट डाले। तालिबान के इस कृत्य की अब आलोचना शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक इस घटना को अहमद शाही स्टेडियम में अंजाम दिया गया, जहां चोरी और पुरुषों से दुष्कर्म के नौ आरोपियों पर प्रांत के गवर्नर हाजी जैद की मौजूदगी में 35-40 कोड़ बरसाए और चोरी के चार आरोपियों के हाथ काट दिए। सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी भी पिछले साल दिसंबर में तालिबान ने एक आदमी को लोगों के सामने फांसी पर टांग गिया था। बताया जा रहा है कि अमेरिका के तालिबान छोड़ने के बाद अफगानिस्ता में यह पहली सार्वजनिक फांसी थी। वहीं  ब्रिटेन की शरणार्थी मंत्री और अफगानिस्तान मामलों की जानकार शबनम नसीमी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि तालिबान वगैर किसी निष्पक्ष सुनवाई के लोगों के साथ मारपीट केसाथ-साथ मौत की सजा दे रहा है। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि तालिबान सार्वजनिक रूप से लोगों को सजा न दे। वहीं दूसरी तरफ तालिबान का तर्क है कि ऐसा करने से लोगों के मन में गलत काम करने के लिए डर पैदा होगा।

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