देश में गरीबों पर है GST की मार : रिपोर्ट

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अनुराग दुबे। एक तरफ जहां कोविड के दौरान देश मध्यम वर्गीय लोगों की हालात खराब थी वहीं दूसरी ओर देश में एक ऐसा वर्ग भी था जिसके आय में बढोतरी होती चली गई। जहां लोगों की नौकरी में बाधा उत्पन्न हो रही थी, वहां हमारे देश के अरबपतियों की आय दिन-दूनी, रात चौगूनी बढ़ रही थी। हाल में आए एक रिपोर्ट OXFAM जिसमें यह कहा गया था की कोरोना जैसे महामारी के बावजूद हमारे देश के अरबपतियों को कोई असर नहीं पड़ा। भारत के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, वहीं दूसरी ओर देश की आधी आबादी देश की कुल संपत्ति के महज 3 प्रतिशत में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2022 में महामारी शुरू होने के बाद से भारत में अरबपतियों की संपत्ति में वास्तविक रूप से 121 प्रतिशत या हर दिन 3,608 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई है। हालांकि जीएसटी चुकाने के मामले में भार आम आदमी पर अधिक पड़ा। विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के पहले दिन मानवाधिकार समूह ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने वार्षिक असमानता रिपोर्ट का भारत सप्लीमेंट जारी किया। इस उसने कहा है कि भारत के 10 सबसे अमीर लोगों पर पांच प्रतिशत कर लगाने से बच्चों को स्कूल वापस लाने के अभियान के लिए लिए पूरा पैसा जुटाया जा सकता है। GST की समूची भार को इस देश के गरीब और मध्यम वर्गीय लोग उठा रहे हैं। देश में गरीबों की आमदनी कम और GST का भार अधिक है। वहीं मध्यम वर्गीय लोग भी GST में खूब कन्ट्रीब्यूट कर रहे हैं।

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