भारत की इन अद्भुत जगहों में छिपा है पौराणिक रहस्य, जानकर आप अचिंभित हो जाएंगे

रहस्यमई जगहों पर घूमने जाए

भारत भूमि में आज भी पौराणिक रहस्य छिपो है, जो भगवत लीलाओं को स्मरण करवाती है


भारत की पवित्र धरती को तपोभूमि के नाम से भी जाना जाता है। इस धरती पर भगवान विष्णु के 23 अवतार हुए है। जबकि 24वां अवतार कल्कि यानि कलयुग में होगा। उनकी भांति-भांति की लीलाओं का अनुसरण करने का सौभाग्य इसी पावन धरती पर देखने को मिला। इसके अलावा लाखों तपस्वियों ने अपने तपोबल से भारत देश की धर्मध्वजा को ऊंचा कर दिया है। आज भी कई साधु-संत तपस्या करने में लीन है। भारत विश्व का एक ऐसा रहस्यमई देश है जिसमें रामचरित मानस से लेकर गीता महाभारत जैसे पुराणों की रचना हुई है। चार वेद 6 शास्त्र 18 पुराणों की उत्पत्ति से भारत भूमि का सिरा धर्म को लेकर सर्वोच्च हो गया है।

दरअसल भारत में आज भी ऐसे स्थान है जो भगवत यादों को ताजा करते है। प्राचीनकाल से जुड़े कई ऐसे स्थान है जिन्हें देखने की लालसा हम सबके मन में होती है लेकिन वहां तक पहुंचना असंभव है। उत्तराखंड स्थित हिमालय की वादियों के निकटतम देवस्थान जो दुर्गम रहस्य से जुड़ा है। मान्यता के अनुसार मानव शरीरधारी आजतक इस स्थान पर नहीं पहुंचे है।

अक्सर जंगल की बात की जाती है तो भारत का नाम पहले आता है। आपने बहुत जंगल देखे होंगे लेकिन सुंदरवन रहस्यों से परिपूर्ण है। इस जंगल में शांति प्रिय वातावरण और हरियाली दुनिया को फीकी कर देनी वाली है। ऐसा भी मानना है कि इस जंगल में भूत-प्रेत अधिकतम निवास करते है।

इसी के साथ अगर आपको कृष्णनगरी वृंदावन के निधिवन की कथा बताऊं तो दिमाग को झकझोर कर रख देगी। मान्यता है कि निधिवन में आज भी रात्रि विश्राम के लिए भगवान श्रीकृष्ण पहुंचते है। संध्या आरती के बाद उस वन में सभी को बाहर निकाल दिया जाता है। निधिवन के पुजारी भी वन परिसर में नहीं रहते है। माना जाता है कि उस वन में एक बार एक साधु हटकर रुक गया था, भगवान कृष्ण की लीला देखने के बाद वो पागल हो गए थे। सुबह जब देखा गया तो वो बेहोशी की हालत में मिले। कुछ समय बीत जाने के बाद उनका स्वर्ग वास गया था। वो साधु कोई और नहीं पागल बाबा के नाम से विख्यात है। पागल बाबा का समाधि स्थल निधिवन से निकट ही है।

इसके बात आपको बता दें कि अजंता-ऐलोरा की गुफाएं भी रहस्य से कम नहीं है। इन गुफाओं का वैज्ञानिकों ने पारिदृश्या निकलने का वीणा उठाया तो जानकारी मिली कि इन गुफाओं को एलियंश ने बनाया है। ऑर्कियोलॉजिस्ट ने बताया कि गुफाओं को करीब 4000 ईशा पूर्व बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं के नीचे एक रहस्यमई शहर है जो गुफाओं के नीचे दफन हो गया है।

वामन भगवान ने दैत्यराज बलि के द्वारा दी गई तीन पग भूमि का दान स्वीकार करने के बाद तीनों लोकों के साथ राजा बलि को भी नाप लिया था। वो स्थान जहां से भगवान के चरण तीनों लोकों को नापने के लिए उठे थे, इन्ही सुंदर गुफाओं से जुड़ा है।

इसके बाद आता है द्वारिका नगरी जो भगवान श्रीकृष्ण के अधिकार क्षेत्र में आता है। भगवान कृष्ण ने अपना शासन किया था। जो समुद्री तट के निकट है। दरअसल द्वारिका नगरी को काल्पनिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है। 1979 के आसपास एक बार वैज्ञानिकों की टीम ने द्वारिका के राजा कृष्ण की किला खोजने का प्रयास किया तो उन्हें काफी संघर्ष के बाद 560 मीटर की दीवार मिली ।

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