फोन उठाते समय हेल्लो क्यों बोलते है, जानिए इसकी हकीकत ?

थॉमस अडिसन ने शुरु किया हेल्लो

व्यक्ति फोन उठाते ही हेलो शब्द को पहले बोलता है


आधुनिक काल में मोबाइल फोन जीवन का आधार बन गया है। बच्चे से लेकर बूढ़े इसके दीवाने हो गए है। आपने देखा होगी कि फोन की रिंग बजेगी को व्यक्ति फोन उठाते ही हेलो शब्द को पहले बोलता है। क्या इसका मतलब पता है, तो इसका जबाव 85 फीसदी लोगों से नहीं मिलेगा। आज हेलो शब्द के अर्थ को समझाने का प्रयास करूंगा। दरअसल हेलो शब्द एक लव स्टोरी से जुड़ा है।

मोबाइस के जन्मदाता थॉमस एडिसन ने अपनी पत्नि से लाइन ज्वाइन कर संपर्क साधने का प्रयास किया था। उस दौरान उनकी पत्नी ने हेलो बोल दिया था। उसके बाद हेलो बोलने का प्रस्ताव रखा गया। इससे पहले वॉटसन ने AHOY बोलने का प्रचलन किया था। 10 मार्च 1876 को टोलीफोन का आविष्कार हुआ था।

आविष्कार के बाद एडिसन ने सबसे पहला संदेश वॉटसन को भेजा था। उन्होंने संदश में लिखा था कि श्रीमान वॉटसन यहां आओ मुझे आपकी जरूरत है। उस समय हेलो की जगह फोन पर येहो बोला जाता था। इस्तेमाल होते ही पहले पूंछते थे कि ARE YOU THERE इस शब्द का इस्तेमाल इसीलिए किया गया था, ताकि आवाज का पता लग सके। हेलो’ बोलने की वजह एक गलतफहमी है,

दरअसल, एक बार थॉमस एडिसन (Thomas Edison) ने Ahoy शब्द को गलत सुन लिया और हेलो बोल दिया। इसके बाद उन्होंने 1877 में हैलो बोलने का प्रस्ताव रखा। पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कंपनी से प्रस्ताव पास होने के बाद जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो सबसे पहले ‘हेलो’ शब्द का ही इस्तेमाल किया। वहीं एक वजह यह भी प्रचलित है कि ग्राहम बेल की प्रेमिका का नाम हेलो था और उन्होंने फोन उठाते ही सबसे पहले उनका नाम लिया था।

बता दें कि हेलो पुराने जर्मन शब्द हाला से बना है। यह शब्द पुराने फ्रांसीसी या जर्मन शब्द ‘होला’ से आया है। ‘होला’ का मतलब होता है- ‘कैसे हो’. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हर कोई फोन उठाते ही सबसे पहले हेलो क्यों बोलता है।

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