कर्नाटक चुनाव; सत्ता में आई कांग्रेस, जातीय राजनीति में मात खा गई भाजपा

लवी फंसवाल। कर्नाटक के चुनाव परिणाम आज यानी शनिवार को आ गए हैं। जिसमें भाजपा को भारी बहुमत से हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस की सत्ता में एक अच्छी वापसी हुई है। वहीं तीसरी पार्टी जेडीएस को तगड़ा झटका लगा है। उसका वोट बैंक शिफ्ट हो गया लगता है। वहीं जीतने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। इधर भाजपा की हार के भी कई कारण बताए जा रहे हैं। जिसमें जातीय राजनीति को लेकर चलने का कारण भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है।

आपको बतादें, कि कर्नाटक चुनाव का परिणाम शनिवार यानी आज आ गया है। जिसमें कांग्रेस की एकजुटता और फोकस रखने की रणनीति काम में आई है। वहीं भाजपा की जातिगत रणनीति बिगड़ गई है, जिसके कारण भारी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वहीं तीसरी पार्टी जेडीएस को भी तगड़ा झटका लगा। अन्य दल की पार्टी भी बहुत पीछे रही हैं। जीतने के बाद कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता खुशी मनाते नजर आए। वहीं वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा ने बताया कि कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण फोकस और एकजुटता रहा। वहीं भारत के प्रधानमंत्री को किसी राज्य चुनाव के लिए इतना पिपासु होना उचित नहीं, जिससे जनता ऊब जाती है। जो भाजपा की हार का बड़ा कारण बना है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक रासबिहारी ने बताया कि रणनीति के स्तर पर भाजपा से चूक हुई। प्रधानमंत्री की रैलियां भी पार्टी की रणनीति का हिस्सा थीं। उन्होंने कहा जिन लोगों ने यह येदियुरप्पा को हटाकर बोम्मई को सीएम बनाया। वह भी इस हार के जिम्मेदार हैं।

वहीं राजनीतिक विश्लेषक आदिति अनंत नारायण का कहना है कि यह भाजपा के नेतृत्व की गलती है, भाजपा की जातिगत रणनीति के कारण हार हुई है। जिससे लिंगायत वोटबैंक बिखरा है। इसकी वजह येदियुरप्पा की अचानक से हुई विदाई भी रही। वहीं कांग्रेस की प्रचार नीति, मुद्दों पर फोकस और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जैसी अन्य चीजें कांग्रेस को जीत हासिल कराने का उन्मुख साधन बनीं। फिलहाल तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है, और राहुल गांधी जनता का आभार प्रकट कर रहे हैं।

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