दाल चावल सेहत के लिए फिट एंव हेल्दी माना जाता हैं।

दाल चावल

दाल चावल

अंकित तिवारी। दाल चावल का स्वाद बहुत ही सादा, अच्छा और रसभरा होता है। भारत मे हर घर की रसोई में अधिकतर दाल चावल पकता है। दाल चावल रोजाना के खाने में सबसे लोकप्रिय है। स्वाद के लिहाज से दाल चावल स्वादिष्ट होता है। वहीं सेहत के लिए भी दाल चावल को हेल्दी भोजन में शामिल किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दाल चावल बच्चों की ग्रोथ के लिए लाभकारी होता है। ऐसे में बच्चों को दाल चावल खिलाने की सलाह दी जाती है। बच्चों के साथ ही दाल चावल बड़े लोगों की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। दाल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा पहुंचाने के साथ ही इम्यूनिटी के लिए भी बेहतर होता है। अगर उस पर थोड़ा सा घी डाल लिया जाए तो फिर इसका ज़ायका कई गुना बढ़ जाता है। घी मिलाने से यह एक संतुलित आहार बन जाता है दाल में कई अमीनो एसिड्स होते हैं और चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं। इसीलिए यह ऐनर्जी देते हैं। साथ ही इनमें कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। ब्राउन राइस में सेलेनियम, मैंगनीज, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक लवण पाए जाते हैं। दाल में शरीर को मजबूत बनाने वाले जरूरी प्रोटीन्स, विटमिन्स, कैल्शियम, आयरन और फाइबर्स होते हैं। आपको भारत में दाल की कई वरायटीज मिल जाएंगी। आप अगर रात में चावल नहीं लेना चाहते तो दाल का सांभर भी बना सकते हैं। इसमें तरह-तरह की सब्जियां डालने से इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ जाती है। चावल में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के अलावा फाइटोन्यूट्रिएंट्स और शरीर के लिए जरूरी विटमिन्स होते हैं। चावलों में रोटी से कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है इसलिए इसे पचाना आसान होता है। लिहाजा सिर्फ दाल-चावल खाने से आपकी बॉडी को काफी न्यूट्रिशन मिल जाता है। चावल-दाल वेट लॉस के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें प्रोटीन और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे खाने के बाद आपके मन में अनहेल्दी फूड्स की क्रेविंग कम हो जाती है। इसके साथ यह आपके मेटाबॉलिज्म रेट को ठीक करने में मदद करता है। जिससे कैलोरी बर्न करना आसान हो जाता है। ये आपको कब्ज, अपच और गैस से जुड़ी दिक्कतों से आराम देता है। प्रोटीन और कैल्शियम होने की वजह से यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती देता है। इसके साथ कैल्शियम दांतों को भी मजबूत बनाता है। याद रहे आपको दाल-चावल खाने के दौरान दाल की मात्रा चावल से अधिक रखनी है।

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