गाजियाबाद में साइबर ठगों ने फिर से की ठगी

साइबर

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अनुराग दुबे मोबाइल नेटवर्किंग कंपनी या बैंक के कर्मचारी बनकर लोगों को ठगा तो नौकरी या लोन दिलाने का झांसा देकर खाता खाली कर लिया। गौर करने वाली बात यह है कि साइबर अपराधियों ने राज्य और केंद्र की 13 योजनाओं को भी ठगी का जरिया बनाया। सालभर में साइबर ठगी की घटनाओं की समीक्षा में यह बात सामने आई है।
साइबर जालसाजों ने लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए।
सरकारें देश-प्रदेश के नागरिकों के लिए तमाम कल्याणकारी योजनाएं लागू करती है। लोगों को लाभ मिलने से पहले ही साइबर अपराधी इसे भुनाने में लग जाते हैं। हर नई योजना साइबर अपराधियों द्वारा ठगी का नया ट्रेंड बना ली जाती है। साइबर सेल के मुताबिक इस साल साइबर ठगी के 5900 से अधिक मामले सामने आए, जिनमें पीड़ितों से करीब 25 करोड़ रुपये की इनमें सर्वाधिक ठगी बैंकिंग फ्रॉड और एटीएम फ्रॉड के जरिए हुई। इसके अलावा ठगों ने विभिन्न योजनाओं के नाम पर लोगों को चपत लगाई।

साइबर अपराधियों द्वारा कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को कॉल की जा रही है। इनमें पैसा खाते में मंगाने के लिए खाते की डिटेल ली जाता है और फिर ओटीपी पूछकर खाता खाली कर दिया जाता है।
आवास योजना के नाम पर फ्लैट या मकान दिलाने एक मोबाइल नंबर से कई लोगों को ठगने के बाद साइबर अपराधी उसे बंद कर देते हैं।
सालभर में 20 कॉल सेंटर पकड़े, 195 गिरफ्तार
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि इस साल अब तक 20 फर्जी कॉल सेंटर पकड़े गए, जबकि 195 साइबर ठग गिरफ्तार किए गए हैं। साइबर ठगी के आरोप में नाइजीरियन नागरिक को अलावा विदेशियों से ठगी करने वाले गिरोह को भी बेनकाब किया। साइबर अपराधियों ने विभिन्न योजनाओं को ठगी का जरिया बनाया। लोग किसी भी योजना के झांसे में आने से बचें। संबंधित विभाग में जाकर उसकी सत्यता जांच लें।

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