कांग्रेस ने राजस्थान में शुरू कर दी, अभी से चुनावी तैयारियां प्रदेश संगठन में के कई बड़े बदलाव

दीपक झा। राजस्थान में कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में कांग्रेस अभी से चुनावी तैयारियों में जुट चुकी है। आपको बता दें, तो साल के आखिरी में राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस अपने प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल कर संगठन को मजबूत कर रही है। कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने सोमवार को अपनी राजस्थान इकाई में बड़ा फेरबदल किया। 21 उपाध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष, 48 महासचिव, एक महासचिव संगठन, 121 और 25 जिलों अध्यक्षों की नियुक्ति की।
21 नव नियुक्तियां उपाध्यक्ष में जितेंद्र सिंह, नसीम अख्तर इंसाफ, कैलाश मीणा, राजकुमार, जयपाल, और दर्शन सिंह शामिल हैं।
जयपुर में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्विटर पर एक सूची साझा की, और उसमें जानकारियां दी कि जो राजस्थान में फेरबदल किया गया है। हालांकि, इन दिनों में देखा गया कि कैसे सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जो लड़ाई थी। उसको आलाकमान ने सुलझाया। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली में बैठक बुलाइ। जिसमें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट को और कुछ सीनियर लीडरों को बुलाया, और एक साथ एक टेबल पर बातचीत की। आपको बता दें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी शामिल किया गया था। कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई। जिसमें राहुल गांधी हंसी मजाक करते नजर आए। यहां तक कि सचिन पायलट जो लगातार अशोक गहलोत पर हमला करते रहते हैं, वह भी कूल नजर आए। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं। कांग्रेस ने राजस्थान में जो 4 सालों से कलह चल रही थी, उसको सुलझा लिया है। हालांकि, यह बात कब की, यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन मीडिया के सामने सचिन पायलट का कबूल नामा, जिसमें उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर लड़ेंगे और कोई भी मतभेद अब नहीं है। जिसमें उन्होंने आगे कहा कि हम जनता के बीच जाएंगे, जो कार्य हुए हैं। वह दिखाएंगे। जो कार्य नहीं हुए हैं, उसको आगे के लिए समय मांगेंगे। वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि हम पुराने गिले-शिकवे को भुलाकर फिर से एक साथ मिलकर काम करेंगे और प्रदेश के जनता के लिए उनकी आवाज के लिए उनके पास जाएंगे।

राजस्थान कांग्रेस में यह फेरबदल उस वक्त हुई है। जब कुछ दिन पहले ही सचिन पायलट ने दिल्ली आकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी। जिसके बाद यह फेरबदल कहीं ना कहीं ऐसा माना जा रहा है कि लगातार संगठन में बदलाव के लिए सचिन पायलट आवाज उठा रहे थे। प्रदेश में बदलाव के लिए सचिन पायलट आवाज उठा रहे थे। ऐसे में संगठन के अंदर यह फेरबदल कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाती है। यह आने वाले वक्त में पता चलेगा। फिलहाल, कांग्रेस ने चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर रही है, और जोरों शोरों से बिगुल फूंक चुकी है।

About Post Author