राहुल गांधी के समर्थन में उतरी पूरी कांग्रेस पार्टी, सरकार के खिलाफ दर्ज करवाया अपना विरोध

दीपक झा मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सूरत के कोर्ट ने सुनाई थी। जिस को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी के तरफ से गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया गया था। लेकिन वहां पर भी उनको मुंह की खानी पड़ी। राहत नहीं मिला और राहुल गांधी को एक बार फिर से झटका लगा। आपको बता दें तो 2018 में चुनावी कैंपेनिंग के दौरान पर हमला करते हुए, राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था, नीरव मोदी, सुशील मोदी, नरेंद्र मोदी, यह सारे चोर चोरों के नाम मोदी ही क्यों है। जिस पर बवाल मच गया, और गुजरात में केस दर्ज करवाया गया। दरअसल, यह केस बीजेपी से पूर्व विधायक पूर्णेश मोदी ने करवाया। उन्होंने कहा, कि इससे उनकी भावना आहत हुई। उन्होंने इससे पूरे ओबीसी समाज, मोदी समाज राहुल गांधी से नाराज है, और जो उसकी की भावना आहत हुई है, उसको लेकर राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। जिस पर 5 साल बाद फैसला आया। राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई। जिसके बाद लोकसभा की सदस्यता उनकी रद्द कर दी गई। दरअसल, यदि किसी भी व्यक्ति पर 2 साल तक की सजा होती है, उससे अधिक होती है, तो उसकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाती है। इलेक्शन कमीशन द्वारा उन पर 6 साल के प्रतिबंध वाली तलवार लटक रही है। आपको बता दें तो इस फैसले को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी की तरफ से गुजरात कोर्ट गये। लेकिन वहां पर भी इनको झटका लगा, और नसीहत भी गुजरात हाईकोर्ट के तरफ से मिली। गुजरात हाई कोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी की गई थी, कि राहुल गांधी हो या आम व्यक्ति सजा सबके लिए नियम बराबर होती है। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी 2024 का चुनाव लड़ पाएंगे? ऐसा कब होगा। आपको बता दें तो जब तक राहुल गांधी के सजा पर स्टे नहीं लगता। तब तक राहुल गांधी 2024 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। 6 साल तक वह चुनाव नहीं लड़ सकते। अब कांग्रेस के राजकुमार कहे जाने वाले जाने वाले राहुल गांधी पर चुनाव नहीं लड़ने की तलवार लटक रही है। यह सबसे गंभीर है, और इस को चुनौती देने के लिए अब राहुल गांधी के पास मात्र एक रास्ता बचता है। वह है, सुप्रीम कोर्ट का यदि वहां पर झटका लगता है, राहुल गांधी का भविष्य खतरे में आ सकता है। इसी हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में पूरे देश में 12 जुलाई बुधवार को विरोध मौन धारण कर विरोध दर्ज करवाया, और सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। आपको बता दें तो जो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। उन्होंने भी रायपुर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मौन धारण किए और विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाया, तो वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री केशव कुमार ने भी अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाया। बिहार एसएससी राज्य है, जहां से तस्वीर से निकल के सामने आ रही हैं। जिसमें कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाते हुए नजर आ रहे हैं। यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है, जिसमें मौन धारण करके अपना विरोध दर्ज करवाया जा रहा है।वहीं अब खबर निकल कर सामने आ रही है, कि के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं को अपने आवास पर बुलाया। ऐसे में हो जाता है कि आखिर यह रात्रि भोज किस विषय पर है।

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