मध्यप्रदेश में रूठे नेताओं को मनाने में लगी भाजपा और कांग्रेस, नहीं बनी बात तो बिगड़ सकता है खेल

लवी फंसवाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है, और चुनावी तारीख समीप आने वाली है। इसी बीच भाजपा और कांग्रेस की धड़कनें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। राज्य की कई सीटें ऐसी भी हैं, जहां टिकट नहीं मिलने के कारण दोनों दलों के नेता बागी होकर मैदान में उतरे हैं। नाम वापसी के लिए केवल 2 नवंबर तक का समय है। ऐसे में दोनों पार्टियों की कोशिश है, बचे हुए नाराज नेताओं को मना कर एक दिन में ही अपने पाले में कर लिया जाए। जिससे राज्य की कई विधानसभा सीटों पर रहा आसान हो सके।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी प्रदेश स्तर के नाराज नेताओं को मनाने के लिए कह चुके हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सीनियर नेता पार्टी के नाराज नेताओं को मनाने भी लग गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, कांग्रेस भी रूठों को मनाने में लगी है। आलाकमान भी प्रदेश स्तर पर नेताओं से संपर्क कर उन्हें मनाने में जुटा पड़ा है।
बुराहनपुर की सीट पर पूर्व सांसद और मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिवंगत नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। डेढ़ साल पहले खंडवा सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के निधन के बाद बेटे हर्षवर्धन लोकसभा उपचुनाव में टिकट के दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल को उतारा था। इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को टिकट दिया। हर्षवर्धन ने भी बुरहानपुर से टिकट मांगा था। टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर हर्षवर्धन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 

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