लद्दाख में भारतीय सेना ने एम777 तोपों को किया तैनात

भारतीय सेना ने चीन की कायराना हरकत को जबाव देने के लिए एम777 की तैनाती कर दी है। शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली फौज एलएसी पर कब्जा करने की गुस्ताखी करती रहती है। इस पर भारतीय जवानों ने चीन को मुंह तोड़ जबाव देने के तैयारी कर ली है। हाल ही में सूचना मिली कि भारतीय सेना ने एलएसी पर घातक मिसाइल एम777 की तैनाती कर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ के नेतृत्व वाली फौज की दहाड़ से जिंनपिंग की नींद उड़ गई है। साल 2016 में अमेरिका से 145 होवित्जर तोंपे खरीदने का फैसला किया था। यह सौदा 5500 करोड़ रुपए में किया गया था। इस डील में अब तक भारत को 89 होवित्जर तोपें मिल चुकी है। बाकि की डील 2022 के सुरुआत तक होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार सेना ने इनमें से अधिकांश तोपें एलएसी में तैनात कर दी है।

दरअसल मिसाइलों औऱ सैन्य ताकत को एलएसी पर मजबूत करने का मुख्य कारण बीते ढ़ेड़ साल से चीन और बारत के बीच युद्ध की कवायद बन हुई है। इन तोपों को बीएई कंपनी द्वारा निर्माणित किया जाता है। ज्ञात हो, इस मिसाइल्स सिस्टम को भारत की महिंद्र डेफेंस कंपनी प्रोटेक्ट करती है। होवित्जर दुनिया की सबसे अत्याधुनिक तोपों में से एक है। इनमें 155एमएम/39 कैलिबर के गोले गाए जाते है। इन गोलों की मारक क्षमता 30 से 40 किमी होती है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हा ने बताया कि इस तोप को एक इलाके से दूसरे इलाके में आसानी से ले जाया जा सकता है। इन तोपों की डील के बाद से भारतीयसेना की ताकत में काफी प्रगति हुई है। इन तोपों को टिटैनियम और अल्यूमीनियम के मिश्रण से बनाया गया है। इसका वजह करीब 4218 किलो है। इनकों वायु सेना के विमान चिनूक से कहीं भी ले जाया जा सकता है। वायु सेना के सीएएच-47एफ से पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से तैनात किया जा सकता है।

अरुणाचल प्रदेश में कमांडर पद को संभाल चुके संजीव कुमार ने बताया कि एम777 को चिनूक हेलीकॉप्टर पर आसानी से लोड किया जा सकता है। भारत और चीन के बीच विगत 18 माह से गतिरोध चल रहा है। जिसके लिए भारत ने सैन्य ताकत को मजबूत करने का सर्वस्व प्रयास जारी रखा। कई अत्याधुनिक हथियार शामिल किए। भारत के विरोध में चीन ने एलएसी पर 100 से अधिक पीसीएल-181 होवित्जर तोपें तैनात की है। इनका वजन 25 टन होगा।

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