गिलोय के सेवन से सैकड़ों बीमारियों से मिलेगा निजात , पोषक तत्वों से है भरपूर

गिलोय एक ऐसी दवा है जो गरीब से गरीब व्यक्ति के घर में मिल जाता है। इसमें सैकड़ों पोषक तत्व मौजूद होते है। पुरानी से पुरानी बीमारी को इसके नियमित सेवन से नष्ट किया किया जा सकता है। गिलोय में कॉपर, सल्फेट, फास्फोरस, कैल्सियम, आयरन, जिंक, ग्लूकोसाइड के साथ ही पामेटिन, एंटी ऑक्सीडेंटस, न्यूट्रीएंटस, प्रोटीन, मैंगनीज और टिनोस्पोटिन पाए जाते हैं। इसमें विटामिन डी,सी, और ई भी बड़ी मात्रा में मौजूद रहती हैं। इसके प्रयोग से बुखार, खांसी – जुकाम, डायबिटीज, गठिया, एसिडिटी पेट से जुड़ी बीमारियों में कब्ज, गैस, अपच, दस्त, लीवर और मूत्र विकार में राहत मिलती हैं। इसी के साथ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी यह सहायक होता है। एनीमिया, त्वचा, मोटापा सहित कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में भी यह कारगर साबित होता है। गिलोय की मुख्य पांच प्रजातियां होती है। एक बार में इसको 20 मिलीग्राम से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। काढ़ा बनाने के लिए 20 मिलीग्राम गिलोय का रस, 11 पिप्पली, एक चम्मच शहद को मिलाकर दिन में दो या तीन बार आवश्यकता के अनुसार प्रयोग किया जा सकता है। इसके जड़, तना, छाल और पत्तों में औषधीय गुण पाए जाते हैं।

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