किडनी फेलियर का कारण बन सकता है वायु प्रदूषण, जानिए कैसे खुद को सुरक्षित रखें

प्रदूषण

निधि वर्मा। हम जिस प्राकृतिक वातावरण में रहते हैं उसका असर शरीर और दिमाग दोनों पर पड़ता है। इसलिए यह बात ध्यान में रखना जरूरी है कि प्रकृति द्वारा दिए गए अनमोल संसाधनों का ध्यान रखना बहुत अवश्यक है। पिछले कुछ सालों में हमने जिस तेजी से प्राकृतिक संसाधनें को नष्ट किया है और तरक्की की दौड़ मे अपनी जीवनशैली को जितना निशाना बनाया है, उसका ही बुरा असर आज प्रदूषण, प्राकृतिक आपदाओं में बढोतरी और ग्लोबल वॉर्मिंग के रूप में सामने आ रहा है। देश के कुछ शहरों में तो प्रदूषण का बढ़ता स्तर जानलेवा हो रहा है। यह स्वास्थ्य के लिहाज से बड़ी चेतावनी है। अगर अब भी हम सचेत नहीं हुए तो सबसे लिए मुशिकलें और बढ़ जाएंगी।


प्रदूषण शरीर के किसी एक ही हिस्से को प्रभावित नहीं करता, इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। चूंकि शरीर का हर अंग एक-दूसरे के साथ लिंक में काम करते हैं, ऐसे में एक पर पड़ने वाला प्रभाव दूरे को भी मुश्किल में डाल देता है। रिसर्च वताती हैं कि प्रदूषित हवा हार्ट और किडनी को भी क्षतिग्रस्त कर सकती है। इसपर अगर आप किडनी सम्बन्धी किसी समस्या या डायबिटीज आदि के शिकार हैं तो यह तकलीफ ओर भी बढ़ सकती है।


अगर आपके शहर में प्रदूषण है तो आप उसकी चपेट में आने से बच नहीं सकते क्योंकि सांस तो आप उसी हवा में लेंगे। हां, घर के भीतर कुछ हद तक सुरक्षा मिल सकती है लेकिन पूरे समय घर में बन्द तो नहीं रहा जा सकता। बाहर निकलते ही हवा में मौजूद धुएं और धूल के साथ मिले हुए हानिकारक व प्रदूषण युक्त कण सांस के साथ शरीर में जा सकते हैं कि वे खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
खुद के बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना अवश्यक हैं।


1.वैसे तो कौरोना की वजह से यह आजकाल आम सावधानि है लेकिन सामान्य स्थिति में भी मास्क या अन्य सुरक्षा साधनों का प्रयोग अवश्य करें।

  1. अगर आप बड़े शहर में रहते हैं तो सार्वजनिक वाहनों जैसे बस या ट्रेन या कार पूल जैसे साधन अधिक उपयोग में लाएं।
  2. घर से बाहर खासकर सड़क किनारे खड़े ठेलों या दुकानों से खरीदी गई चीजें जो खुली रखी रहती हैं, उन्हें खाने से बचें।

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