कैसे एक गायब जीन की वजह से साउथ अफ्रीका के वैज्ञानिकों को मिला नया वैरिएंट

जीन

शुरूआत के नवंबर महीने में साउथ अफ्रीका के गाउटेंग राज्य की कोरोना लैब में कुछ अनोखा देखने को मिला। बताया जा रहा है कि यहां पर एक विशेषज्ञ वायरस के एक जीन का पता नहीं लगा पा रहे थे। बता दें ये गायब जीन स्पाअइक प्रोटीन बनाते हैं जो इंसानों की कोशिकाओं में रोगाणु डालते और फैलाते हैं। वैसे उस वक्त इलाके में थकान और सरदर्द की शिकायत करने वाले मरीजों की लाइन लग चुकी थी।


वहीं पिछले महीने 15 नवंबर को गुआटेंग प्रांत से 77 सैंपल लिए गए और इनकी सीक्वेंसिंग की गई। गहन जांच पड़ताल के बाद इस विशेषज्ञ ने ये पता लगाया कि ये कोरोना वायरस का नया वैरिएंट है। इसका जीन पकड़ नहीं आने का मुख्य कारण था कि यह म्यूटेट हो चुका है। डब्लूएचओ के मुताबिक,इस नए वायरस का नाम B.1.1.529, यानी ओमिक्रॉन रखा गया। जबकि 26 नवंबर को इसे चितांजनक वैरिएंट घोषित किया गया। वैसे ये नया वैरिएंट अभी फिलहाल 24 से अधिक देशों में फैल चुका है।


साउथ अफ्रीका से निकलकर ओमिक्रॉन नाम का नया वैरिएंट पूरे दुनिया में दस्तक दे चुका है। जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान वायरस में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिले। दक्षिण अफ्रीका स्वास्थ्य डिपार्टमेंट के एक्टिंग डायरेक्टर जनरल निकोलस क्रिस्प को इस वैरिएंट के बारे में पहली बार जानकारी 24 नवंबर को दी गई। उसके अगले दिन ही सरकार के अन्य प्रमुख अधिकारियों को यह बात बताई गई। इसके बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दक्षिण अफ्रीका के 2 जीनोम सीक्वेंसिंग संस्थानों के हेड टूलियो डि ओलिवेरा ने नए वैरिएंट के बारे में आधिकारिक घोषणा की। जबकि 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया।


गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वैरेंट को लेकर इसलिए इतनी चिंता है क्योंकि एक्सपर्ट का मानना है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट का बेटा या पोता नहीं, बल्कि यह एक नए तरह का वायरस ही है। वैसे इसकी स्पाइक प्रोटीन में 30 म्यूटेशन हो चुके हैं। इस वैरिएंट की प्रोफाइल पहले से मौजूद स्ट्रेन से काफी अलग है। ये कितना खतरनाक और संक्रामक हो सकता है, इस पर अध्ययन हो रही हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये डेल्टा वैरिएंट से 6 गुना अधिक संक्रमण फैला सकता है।

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