अर्जुन की छाल से होता है कई बीमारियों का इलाज, भारत में पिछले 3000 साल से हो रहा है प्रयोग

अर्जुन की छाल से होता है कई बीमारियों का इलाज, भारत में पिछले 3000 साल से हो रहा है प्रयोग

अर्जुन की छाल के सेवन से शरीर की बीमारियों का इलाज आसानी से हो जाता है। अर्जुन के पेड़ में बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है। आर्युवेद के जानकारों के मुताबिक अर्जुन की छाल के साथ-साथ इसके फल भी काफी लाभदायक होते हैं। छाल का काढ़ा बनाकर पीने से दिल की समस्या, कफ , पित्त, सर्दी, खांसी, स्तन कैंसर, मुंह के छाले और मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। हृदय और रक्तवाहिनियों की शिथिलता को खत्म करने में इसका इसका प्रयोग किया जाता है। साथ ही वहीं एसिडिटी के रोगी को अर्जुन के फल के फल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अर्जुन की छाल के काढ़े को कार्डियक टॉनिक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पीलिया में इसकी छाल का चूर्ण को देशी घी में मिलाकर किया जाता है। टूटी हड्डी में दूध के साथ छाल के चूर्ण का उपयोग काफी लाभदायक है। अर्जुन की छाल को 10-15 ग्राम 200-300 ग्राम पानी में पका लें, जब पककर एक चौथाई हिस्सा बचे उसे आग से उतारकर छान लें। सुबह शाम इसका सेवन करने से सीने का दर्द हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था, डायबिटीज और सर्जरी होने के तुरंत बाद इसका सेवन नहीं करना चाहिए। भारत में इस छाल का प्रयोग 3000 वर्ष पहले से किया जा रहा है।

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