किस भारतीय वैज्ञानिक को मिला था पहला नोबेल पुरस्कार

वैज्ञानिक

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भारत के इतिहास में आज ही के दिन 1928 में देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की थी। उनकी इस खोज के सम्मान में 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसी आविष्कार के लिए सीवी रमन को 1930 में विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सीवी रमन ने साबित किया था कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से गुजरता है तो प्रकाश का कुछ हिस्सा विक्षेपित होता है, जिसकी वेब लेंथ में बदलाव होता है। उनकी इसी खोज को ‘रमन इफेक्ट’ कहते है। बता दें कि सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज अपने छात्र और वैज्ञानिक रहे केएस कृष्णदन के साथ मिलकर की थी। इस बार यानी 2022 की थीम है- एसटीआई का भविष्य: शिक्षा, स्किल और काम पर प्रभाव।

रमन इफेक्ट का इस्तेमाल आज भी कई जगहों पर हो रहा है। जब भारत के चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी होने का ऐलान किया था, तो इसके पीछे भी रमन इफेक्ट का ही कमाल था। फोरेंसिक साइंस में भी रमन इफेक्ट काफी उपयोगी साबित हो रहा है। अब यह पता लगाना आसान हो गया है कि कौन-सी घटना कब और कैसे हुई थी। सर सीवी रमन को लाइट स्कैटरिंग इफेक्ट की खोज, यानी रमन इफेक्ट के लिए 1930 में फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रमन विज्ञान का नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय होने के साथ पहले एशियाई भी थे। विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए सीवी रमन को 1954 में भारत रत्ने से नवाजा गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में मनाया जाता है।


दरअसल, भारत के महान वैज्ञानिक और भारत रत्न सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 में मद्रास प्रेसिडेंसी में हुआ था। इन्होंने 1907 में असिस्टेंट अकाउंटेंट जनरल की नौकरी की, लेकिन शुरू से उनका मन विज्ञान के क्षेत्र में काम करने का था। इसी वजह से उन्होंने 1917 में सरकारी नौकरी छोड़ दी और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर बन गए। यहीं पर उन्होंने रमन इफेक्ट की खोज की थी। वहीं 21 नवंबर 1970 को 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए।

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