राजधानी पटना में प्रदूषण का कहर

पटना

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बिहार की राजधानी पटना में गर्मी के समय में हवा जहर घुल रही है। ठंड के खत्म होते ही गर्मी में पटना की हवा काफी खतरनाक होती जा रही है। वहीं आज यानी सोमवार की सुबह पटना का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया और एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में 320 पहुंच गया। वैसे गर्मी के साथ हवा में घुलता जहर सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे सांस के रोगियों की समस्या बढ़ने के साथ सामान्य लोगों की सेहत पर भी बड़ा असर पड़ेगा। मौसम विभाग ने अब रात और दिन के तापमान के बीच के अंतर कम होने का पूर्वानुमान जताया है जिससे गर्मी के साथ प्रदूषण बढ़ने की उम्मीद है।


दरअसल, पर्यावरण में गर्मी के साथ प्रदूषण बढ़ने का कई बड़े कारण है। पहला, पेड़ों की कटाई हो गई है जिससे शहरों में गर्मी के साथ ही प्रदूषण बढ़ जाता है। दूसरा कारण है कि शहर की गंदगी तेज धूप और गर्मी से जब सूखती है तो वह हवा के साथ उड़ती है। धूल के साथ प्रदूषण का जहर हवा में घुलता है जिस कारण से भी खतरनाक कण सांस के लिए जहर बनते हैं। पटना के कई ऐसे इलाके हैं जहां प्रदूषण को लेकर काम नहीं किया जा रहा है, इस कारण से इन इलाकों में सबसे अधिक खतरा है। गर्मी के साथ प्रदूषण के बढ़ने का मामला भी बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए लोगों को मास्क का प्रयोग करना चाहिए। मास्क कोरोना के साथ प्रदूषण से बचाने में सहायक होगा।


पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चेस्ट रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनीष का कहना है के गर्मी के दिन में अचानक से सांस के नए रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। ओपीडी में पुराने मरीजों के साथ नए मरीजों की संख्या बढ़ी है। जबकि आंकड़ों की बात करें तो एक दिन की ओपीडी में 25 नए मरीज होते हैं, जिन्हें सांस को लेकर समस्या है। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर वह पहुंच रहे हैं। डॉ मनीष का कहना है कि प्रदूषण के कारण लोगों को बचाव करना होगा। हवा में प्रदूषण के कारण सीधा असर चेस्ट पर पड़ता है, इससे सांस लेने में तकलीफ के साथ चेस्ट इंफेक्शन के मामले बढ़ते हैं। खान पान में ध्यान रखना और व्यायाम एक्सरसाइज करने के साथ सावधानी से ही इस समस्या से बचा जा सकता है।


मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में राज्य के दक्षिण मध्य और दक्षिण पूर्व भाग के एक दो स्थानों पर एवं दक्षिण पश्चिम के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। राज्य के अन्य हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहा। दक्षिण भाग के एक दो स्थानों पर मेघ गर्जन के सरथ बिजली चमकी है। बिहार का सबसे कम न्यूनतम तापमान 12.5 भगवानपुर में दर्ज किया गया जबकि सर्वाधिक अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस वैशाली मंा दर्ज किया गया। अब दिन और रात के तापमान का अंतर धीरे धीरे कम हो रहा है जिससे गर्मी बढ़ेगी। राज्य में सतह से 1.5 किलो मीटर तक पछुआ एवं उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह बना हुआ है। इसकी गति 8 से 10 किमी प्रति घंटे की है। हवा में कण उड़ने का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि 28 फरवरी से अगले 4 दिनों तक राज्य का मौसम शुष्क बना रहेगा, रात के तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा।

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