पीएफआई के निशाने पर थे देश के पीएम नरेंद्र मोदी, बिहार की  रैली में था मारने का प्लान

पीएम नरेंद्र मोदी

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‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ के तहत एनआईए, ईडी राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा पिछले दिनों पीएफआई संगठन पर मारे गए छापे के दौरान संगठन के अनेक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को लेकर ईडी ने जो खुलासा किया है उसने देश की सुरक्षा सुरक्षा एजेंसियां की नींद उड़ा दी है।

अधिकारियों ने दावा किया है कि ने इस साल जुलाई में बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई(PFI)ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करने की खतरनाक योजना बनाई थी। हमले को अंजाम देने के लिए इस संगठन ने बिहार की राजधानी पटना में ट्रैनिंग कैंप भी लगाया था, जिसमें पीएफआई के कई लोगों को ट्रैनिंग भी दी गई। अधिकारी ने एक ओर खुलासा करते हुए बताया कि आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए संगठन विदेशी ताकतों के संपर्क में था। पीएम मोदी की हर मूवमेंट पर बारीकि से नजर भी रखी जा रही थी

रिपोर्ट के मुताबिक केवल पीएम मोदी पर ही हमले नहीं बल्कि PFI अन्य हमलों के लिए भी टेरर मॉड्यूल तैयार कर रहा था।

इसी के साथ ही ईडी ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि पिछले कई सालों के अंदर पीएफआई ने 120 करोड़ रूपये भी जुटाए हैं। इन पैसों का उपयोग संगठन देश में दंगे भड़काने और दूसरी आतंकी गतिविधियों को पूरा करने के लिए काम कर रहा था। एक ओर चौकाने वाले खुलासे में बताया गया है कि इन पैसों का उपयोग फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के लिए हिंसा भड़काने के अलावा हाथरस में दंगा भड़काने के लिए भी किया गया था।

बता दें कि

पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए NIA ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ चलाया था। बता दें कि 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा किए गए कई छापे में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।  ईडी ने संगठन के तीन अन्य पदाधिकारियों को दिल्ली से हिरासत में लिया था। इनमें परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत का नाम शामिल है। ईसी के साथ ही शनिवार को एटीएस ने यूपी से संगठन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

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