कर्नाटक के बॉस बने सिद्धारमैया, मीडिया में बयान बाजी पर अलाकामना का रोक!

दीपक झा। कर्नाटक में 13 मई से चल रहे सीएम पद ड्रामा का आखिरकार अंत हुआ। यह काफ़ी लंबे समय तक मंथन के बाद खत्म हुआ। सीएम सस्पेंस कर्नाटक विधनसभा के परिणाम 13 मई को ही आगाए थे। लेकिन सीएम चेहरा तय करने में मंथनो का एक दौर चला, आलाकमान से कर्नाटक के नेताओं से कई बार मुलाकात करने के बाद, सीएम पद कांग्रेस आलाकमान ने घोषित किया। 13 मई को कर्नाटक चुनाव के नतीजे सामने आए। जिसमे कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, और 135 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल की। वहीं बीजेपी को 66 सीट ही मिली।
कांग्रेस की 5 गारंटी-
1- हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी।
2-ग्रैजुएट बेरोजगार को 3 हजार रुपये मासिक भत्ता और डिप्लोमा होल्डर्स छात्रों को डेढ़ हजार रुपये मासिक भत्ता।
3- प्रत्येक परिवार की एक महिला को दो हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।
4- हर गरीब व्यक्ति को 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज।
5- हर महिला को सरकारी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा मिलेगी।
इन पांच गारंटी का असर भी देखने को मिला, और कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिली। कर्नाटक में जनता अंदेस जितना साफ़ था, उतनी जल्दी कांग्रेस पार्टी कर्नाटक को एक सीएम नहीं दे पाई। राजस्थान जैसे ही कर्नाटक कांग्रेस में कलह सुलझने का नाम ही नहीं लेती है। सीएम पद को लेकर कर्नाटक कांग्रेस में दो प्रवल दावेदार हैं। एक डीके शिवकुमार और दूसरे सिद्धारमैया।
हालाकि, मंगलवार को कांग्रेस आलाकमान ने सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया पर मुहर लगा दी है। जबकि, डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। फिलहाल अभी इसकी घोषणा नहीं हुआ। आलाकमान का सीएम पद पर फैसला आने के बाद सभी नेताओं को मीडिया में बयान बाजी से बचने का निर्देश दिये है।

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