लवी फंसवाल। बागेश्वर बाबा यानी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। इसका कारण उनका बिहार दौरा है। इन दिनों बागेश्वर बाबा पटना में दरबार लगाए बैठे हैं। लाखों की संख्या में प्रतिदिन भक्त उनके दरबार में अर्जी लगाने पहुंच रहे हैं। पंडाल में दूर-दूर तक फैला हुआ लोगों का सैलाब राजनीतिक दलों की नींद उड़ा रहा है।

आपको बतादें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों बिहार के पटना दौरे पर हैं। पटना में दरबार लगाकर बैठे बाबा के पास प्रतिदिन भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। जो राजनीतिक दलों की नींद खराब कर रहा है। जो अपनी सभाओं में भीड़ एकत्रित कराने के लिए लाखों प्रचार करते हैं, पैसा खर्च करते हैं, और कड़ी मेहनत करके भी राजनीतिक दल ऐसी भीड़ जुटाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। कहा जा रहा है कि बाबा अपनी जनसभाओं व दरबार में हिंदू एकता और हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दे उठाते हैं। जिससे नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जैसे दिग्गज नेताओं की जातिगत समीकरणों पर टिकी हुई राजनीति को खतरा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पंडित धीरेंद्र शास्त्री जिन मुद्दों को दरबार में उठाते हैं, वे भाजपा की राजनीति में सूट करते हैं। वे दरबार में जातिगत बंधनों को तोड़कर पूरे हिंदू समुदाय को एक करने की बात करते हैं। ऐसी स्थिति में महागठबंधन की ओर से तुरंत आरोप लगाए जाने लगे हैं, कि बाबा बागेश्वर धाम का दरबार भाजपा से प्रियोजित है। वहीं (आरजेडी) राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता डॉ नवल किशोर का कहना है, कि बाबा बागेश्वर धाम के दरबार में आने वाले लोग ‘चमत्कार और उपचार’ की उम्मीदों में आ रहे हैं। वे सभी अपने घर जाने के बाद, भाजपा के बनाए हुए एजेंडे की चर्चा नहीं करेंगे। बल्कि वे भक्ति भावना की ही बात करेंगे। ऐसे में उन्हें लगता है कि बाबा बागेश्वर के आने से बिहार की राजनीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। साथ ही कहा, बाबा अगर अपने दरबार में हनुमान आरती करते हैं। तो कोई बात नहीं। लेकिन जब वह राजनीति को लेकर मुद्दा उठाते हैं। ऐसे में संदेह पैदा होता है। फिलहाल, बागेश्वर बाबा को लेकर बिहार में राजनीतिक सियासत जारी है।

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