न लोगो बना, न कोई साझा रैली, क्या इंडिया गठबंधन कर पाएगा प्रगति?

लवी फंसवाल। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही इंडिया गठबंधन पर कयास लगाए जाने लगे हैं। करीब डेढ़ महीने पहले मुंबई में हुई विपक्षी दलों की मेगा मीटिंग के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में खुलकर तनातनी सामने आ रही है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव निशाना साधते हुए नजर आए। इस बीच बताया जा रहा है कि आपसी मतभेद के चलते ‘इंडिया’ गठबंधन की शुरुआती प्रचार प्रसार और पार्टियों की बैठक के लिए किए गए बड़े-बड़े वादों की तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं। साझा रैली से लेकर अभी तक लोगो भी तैयार नहीं हुआ है।
टीएमसी की ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीपक्षी दल की बैठक में आग्रह किया था की सीटों का बंटवारा सितंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने वादा भी किया था। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने संकल्प लिया था कि हम ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दल आगामी विधानसभा चुनाव को एक साथ लड़ने का संकल्प लेते हैं। सभी राज्यों में सीट बंटवारे की व्यवस्था तुरंत की जाएगी। साथ ही लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। फिलहाल, गठबंधन के इस प्रस्ताव पर अब तक कोई भी प्रगति नहीं हुई है।
बता दे की वाम दल, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में गठबंधन के जरिए मुंबई में बने रिश्ते को आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, इसको लेकर कांग्रेस का रवैया अलग ही नजर आ रहा है।

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