नारायण मूर्ति के फार्मूले 70 घंटे काम करने पर हुआ हंगामा, दो धड़ों में बट रहे उद्योगपति

लवी फंसवाल। देश के सबसे बड़े उद्योगपति और दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नर नारायण मूर्ति की सलाह के बाद भारत में एक नई जंग छिड़ गई है। नारायण मूर्ति ने हालही में कहा था कि भारत की उत्पादकता दुनिया में सबसे कम है, यदि इसको बढ़ाना है तो देश का हर युवा रोज करीब 12 घंटे काम करे। नारायण मूर्ति कैसे फार्मूले पर दिग्गज कारोबारी और अन्य पेशे के लोग दो धड़ों में बट गए हैं। जहां jsw ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा है मैं नारायण मूर्ति की बात से सहमत हूं, तो वही चेतन भगत ने इस फार्मूले का विरोध करते हुए कहा है कि सप्ताह में 35 घंटे काम करें। 70 घंटे काम करना जरूरी नहीं है।
बिगेस्ट कारोबारी नारायण मूर्ति की सलाह का समर्थन करते हुए जेएसडब्ल्यू ग्रुप के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा कि 70 घंटे काम करना थकावट भर काम से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध समर्पण को लेकर है। हमें भारत को 2047 में एक ऐसी महाशक्ति बनना है, जिस पर हम सब गर्व कर सकें। उन्होंने कहा हमारे जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को 5 दिन के वर्किंग कल्चर की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिदिन 14 से 16 घंटे काम करते हैं। मेरे पिता सप्ताह में सातों दिन 12 से 14 घंटे काम करते थे। मैं सब हर दिन लगभग 10 से 12 घंटे काम करता हूं। हमें अपने कार्य और राष्ट्र निर्माण में जुनून तलाशना होगा।

About Post Author