आरटीआई से फ्री रसोई गैस वाली उज्ज्वला योजना की बड़ी खामी आई सामने

उज्जवला

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दीपक कुमार तिवारीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना यूपी के बलिया जिले से 2016 में शुरूआत हुई थी। जिसके तहत कई करोड़ गरीब परिवारों को सिलेंडर के कनेक्शन दिए गए। इस में खास बात यह रही थी कि इन गरीब लोगों को गैस का सिलेंडर भरकर दिया था। लेकिन अब लोगों के पास इसको भरवाने के लिए पैसे ही नहीं है।
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक फायनेंशियल ईयर 2021-22 में उज्ज्वला योजना के 90 लाख लाभार्थियों ने कभी दोबारा सिलिंडर भरवाया ही नहीं। वहीं लगभग 1 करोड़ लोगो ने अपना सिलिंडर सिर्फ एक बार भरवाया। उज्ज्वला योजना का मकसद था मार्च 2020 तक 8 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन देना। अब तक इस योजना के तहत 9 करोड़ कनेक्शन दिए भी जा चुके है। वित्त वर्ष 2021-22 में तो उज्ज्वला योजना का दूसरा वजर्न भी लाँन्च हो गया। लेकिन अब भी लाखों घरों में सिलिंडर खाली पड़े है।
RTI से हुआ खुलासा
द हिन्दु के मुताबिक ये जानकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों से RTI के जरिए हासिल की गई है। पिछले दिनों RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन से ये जानकारी मागी हैं। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन ने अपने जवाब मे कहा है कि मार्च 2021 तक उन्होंने जो भी कनेक्शन दिए थे, उनमें से 65 लाख उपभोत्ताओं ने वित्त वर्ष 2021-22 मे अपने सिलिंडर नहीं भरवाए। वही हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के 9.1 लाख और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के 15.96 लाख उपभोत्ताओं ने अपने सिलिंडर नहीं भरवाए। वही वो लोग जिन्होंने केवल एक बार सिलिंडर रिफिल करवाया उनकी संख्या इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन में 52 लाख, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन में 27.58 लाख और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन में 28.56 लाख थी। मार्च में लोकसभा में पेश सरकार कें आंकडों के मुताबिक उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी की खपत सालाना 3.66 रिफिल प्रति कनेक्शन रही। बता दें उज्ज्वला योजना के तहत सरकार लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में गैस सिलिडंर खरिदने के लिए पैसे ट्रांसफर करती है। पहली सिलिडंर की किश्त खाते में जाने के 15 दिन बाद दुसरी सिलिडंर की किश्त भी लाभार्थियों के खाते में चली जाएगी।

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