जानिए धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की सही तिथि और मुहूर्त

दीपावली

दीपावली

छाया सिहं। प्रकाश का पर्व दीपावली हिन्दू धर्म का लोकप्रिय व सबसे बड़ा पर्व है। जिसे हम दीपों का त्यौहार व दीपोत्सव भी कहते हैं। यह त्यौहार प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान राम की याद में जो लंकापति रावण पर विजय हासिल करके व चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके वापस अयोध्या लौटे थे, जिसकी खुशी में दिवाली का पर्व पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है। दीपावली में हम मिट्टी से बने दीपक, लाइट से बने झालरों व फूलों से अपने घरों को सजातें हैं। व अपने-अपने घरों में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा भी करते हैं। धन- ऐश्वर्य देने वाला ये पर्व पूरे पांच दिनों का होता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है व समापन भाई दूज के दिन होता है। इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। ऐसा कई सालों बाद हो रहा है, कि इस साल एक दिन में ही दो-दो पर्व मनाए जायेंगे, चलिए जानते हैं, किस दिन कौन सा त्यौहार मनाया जाएगा।

धनतेरस

इस बार धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर, दिन रविवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगां। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति को खरीदना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही झाड़ू, सोना-चांदी, धनिया आदि चीजें को भी खरीदना शुभ होता है।

नरक चतुर्दशी

इस बार दो दिन तिथि होने के कारण 24 अक्टूबर को  शाम 5 बजकर 7 मिनट तक  ही नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। जिसे हम छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन मंदिर के अलावा दक्षिण दिशा, नाली, शौचालय और घर के मुख्य द्वार में दीपक जलाना शुभ होता है।

दीपावली

रोशनी का पर्व दिवाली इस साल कार्तिक अमावस्या यानी 24 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 53 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ-साथ मां सरस्वती, भगवान कुबेर की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि, दीपावली के दिन मां लक्ष्मी धरती में ही रहती हैं, और अपने भक्तों को आर्शीवाद भी देती हैं।

गोवर्धन पूजा व भाई दूज

इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 33 मिनट तक गोवर्धन पूजा मनायी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ भाई दूज का पर्व भी 26 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक इसका शुभ मुहूर्त रहेगां।

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