पत्रकारिता

पत्रकारिता

अनुराग दुबे। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। इसको संवेदनशील पेशा भी कहा जाता है। इसके साथ समाज के मार्गदर्शन का एक नया आय़ाम भी जोड़ा जाता है। इन्हीं कारणों से यह संवेदनशील प्रोफेशन है। आजकल युवा वर्ग अपना सुनहरा करियर बनाने की चाह रख रहा है। मीडिया जगत में बढ़ते ग्लैमर को देखते हुए यह प्रोफेशन युवाओं का पसंद बनते जा रहा है। आज हम आपको पत्रकारिता जगत में सुनहरे करियर के बारे में बताने जा रहे हैं।

पत्रकारिता में अपना करियर बनाने के लिए सबसे पहले आपको इससे संबंधित कोर्स को करना होगा यह कोर्स किसी भी स्तर का हो सकता है। इसे आप चाहें तो डिप्लोमा अथवा बैचलर प्रोग्राम कर सकते हैं। अगर आप स्नातक कर चुके हैं और चाहते हैं कि हम जल्द से जल्द पत्रकारिता की कोई डिग्री कर लें तो इसके सर्टीफिकेट प्रोग्राम भी कर सकते हैं। अमूमन सर्टीफिकेट प्रोग्राम 3 व 6 महिने का होता है हांलाकि पत्रकार को लेकर हमेशा से एक प्रश्न उठता है कि क्या पत्रकार बनने के लिए डिग्री लेना जरुरी है। आपको बता दें कि पत्रकार को लेकर भारतीय संविधान में ऐसा कोई निर्धारण नहीं है कि वह डिग्रीधारी होना चाहिए। अगर आप बैचलर लेवल के कोर्स करते हैं तो आपको पत्रकारिता के सभी बारिकियों को पढाया व समझाया जाता है। इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें अन्य कोर्सेस की अपेक्षा अधिक स्कोप है। बैचलर लेवल के कोर्स में आपको न्युज राईटिंग, वीडियो इडिटिंग के तरह-तरह के स़ॉफ्टवेयर की बारिकियाँ, एंकरिग, रिपोर्टिंग, कैमरा इत्यादि मीडिया में चलायमान सभी बातों को समझाया जाता है। अब तो समय के साथ बदलते मीडिया के प्रारूपों के चलते अब स्वतंत्र पत्रकारिता में अवसर बढ़ गये हैं। सोशल मीडिया के इस नए दौर में स्वतंत्र पत्रकारों को लिए सुनहरा साबित हो रहा है। इसमें भी आप नाम, सोहरत और पैसा तीनों पा सकते हैं।

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