कोरोना के बाद राजस्थान के जोधपुर और सूर्यनगरी को मिले दस लाख देसी पावणें

राजस्थान

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काजल मौर्या। कोरोना का पहले का वह दौर सबको याद है। जब राजस्थान की सूर्यनगरी पर्यटन के क्षेत्र में सदैव ही सिमौर रही है। कोरोना से पहले के दौर में जोधपुर में करीब 10 से 11 लाख से ज्यादा देशी पर्यटक और डेढ़ लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते थे। यह तो हमारे देश की परंपरा रही है जो सदियों से चली आ रही है। यहाँ अतिथी को भगवान एवं घर के सदस्या जैसा ही माना जाता है। राजस्थान तो रजवाड़ो का शहर है। जितनी ऊंची और विशाल यहां कि ईमारतें हैं, उतनी ही यशस्वी यहाँ कि गाथायें हैं। राजस्थान में पर्यटकों और मेहमान को पावणों या पावण कहा जाता है। कोरोना काल के बाद यह आंकड़ा कहीं खो सा गया था, लेकिन एक बार फिर यह पर्यटन स्थल अपने पैरों पर खड़ा होने वाला है।

इस स्थल को फिर एक बार अपनी जगह पर आने के लिए देसी पर्यटकों ने कुछ ऐसे दिया साथ

कोरोना से पहले के सालों में देसी पर्यटकों की संख्या 11 लाख के करीब रहती थी। लेकिन कोरोना के कारण दो सालों से यह संख्या तीन से छह लाख के बीच ही रह गयी थी। पर अब यह संख्या फिर से एक बार 10 लाख को छू रही है। अभी पार्यटन सीजन शुरू होना बाकी है ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि इस बार यह रिकॉर्ड टूट भी सकता है।

•       वर्ष 2018 में देसी पर्यटकों की संख्या 10 लाख 82 हजार 138 थी, और वहीं विदेशी पर्यटन कि संख्या 1 लाख 61 हजार 686 थी।

•       वर्ष 2019 में देसी पर्यटकों की यह संख्या 10 लाख 80 हजार 798 थीं, तो वहीं विदेशी पर्यटन कि संख्या रही 1 लाख 60 हजार 909।

•       कोरोना काल यानी वर्ष 2020 में यह संख्या घटकर 3 लाख 47 हजार 493 ही रह गई थी, और विदेशी पर्यटन की संख्या भी घटकर 48 हजार 747 हो गई थी।

•       वर्ष 2021 में देसी पर्यटन में इज़ाफा देखने को मिला। इस वर्ष कि पर्यटक संख्या रही 7 लाख 58 हजार 418 और वहीं विदेशी संख्या में और भी गीरावट हुई क्युंकि इसकी संख्या घटकर 3 हजार 252 ही रह गई थी।

•       पर इस वर्ष पर्यटकों कि संख्या फिर एक बार अपनी पहले की स्थिती में आ गई है। इस वर्ष की पर्यटक पावाणों संख्या को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस बार यह अपना रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। क्योंकि इस वर्ष देसी पर्यटकों की संख्या रही 9 लाख 94 हजार 137 और विदेशी पर्यटकों कि संख्या केवल 11 हजार 718 ही रही।

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