महंत राजूदास का एलान, स्वामी प्रसाद का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम

महंत राजूदास का एलान, स्वामी प्रसाद का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम

महंत राजूदास का एलान, स्वामी प्रसाद का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम

अनुराग दुबे। सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर टिप्पणी करने के बाद रविवार को फिर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा। मालूम हो कि शनिवार को भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि दलितों, पिछड़ों के हक के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।
रामचरित मानस को लेकर जिस तरह से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, उसी अंदाज में हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने भी उनके खिलाफ विवादित एलान कर दिया। रविवार को राजूदास ने एक वीडियो जारी कर कहा कि स्वामी प्रसाद का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम दिया जाएगा।
हालांकि अन्य संतों ने स्वामी प्रसाद को अज्ञानी बताते हुए संयमित आक्रोश जताया है। आचारी मंदिर के महंत विवेक आचारी ने भी राजनेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पीजीआई के वृंदावन कालोनी में रविवार सुबह रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ने के बाद जला दी गईं। प्रतियां जलाने वाले ओबीसी महासभा के पदाधिकारी हैं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में नारेबाजी की और प्रतियां जलाई हैं। इस मामले में पीजीआई पुलिस ने जीडी में तस्करा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि इस संबंध में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। प्रतियां जलाने का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार ओबीसी महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव के नेतृत्व में रविवार सुबह वृंदावन कालोनी के पास महासभा के लोग पहुंचे। वहां पर पूर्व मंत्री व सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन का बैनर लगाया। फिर रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ दी। इसके बाद प्रतियों के टुकड़ों में आग लगा दिया। पदाधिकारियों का आरोप है कि रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास ने इसमें कुछ आपत्तिजनक चौपाईयां लिखी हैं जिन्हें निकाला जाना चाहिए। यह नारियों व शूद्रों के संबंध में अपमानजनक है। प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की है कि रामचरित मानस से इन चौपाईयों को हटा दिया जाए। नहीं तो पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।

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