82 वर्ष की आयु में सुनील गावस्कर के कोच का हुआ निधन, क्रिकेट फ्रेटरनिटी में शोक की लहर

मुबंई क्रिकेट के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले कोच वासु परांजपे का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके परिवार में पत्नियां, दो बेटियां और एक बेटा है। भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को सनी नाम इन्होंने दिया गया था। पराजंपे छ: दशक तक मुबंई क्रिकेट के साथ तरह-तरह की भूमिकाओं निभाते रहे हैं। वासु पराजंपे ने मुबंई की टीम के साथ कोच, मेंटर, चयनकर्ता और सलाहकार के रूप में अहम किरदार निभाए थे। खेल का ज्ञान और खिलाडियों की मानसिकता पढ़ने में वे माहिर थे। वह दादर यूनियन टीम के कप्तान थे जहां से सुनील गावस्कर और दिलीप वेगेंसरकर जैसे महान खिलाड़ी निकले हैं। टेस्ट क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ को 14 साल की उम्र में ही बता दिया था कि वे आगे जाकर एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में उभरेंगे। वे टेस्ट क्रिकेट के अच्छे बल्लेबाज के साथ-साथ, कप्तान और अच्छे विकेटकीपर भी थे। सुनील गावस्कर ने सनी डेज में लिखा उनकी कप्तानी भी बल्लेबाजी की रूप में गतिशील थी। उनको चुनौती लेना बहुत पसंद था। गावस्कर अपने गुरू के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंचे। वहीं संदीप पाटिल शहर से बाहर थे लेकिन वे भी बहुत उदास थे। उन्होंने कहा कि मुबंई और भारतीय क्रिकेट के लिए यह बड़ी क्षति है।

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