13 नवंबर को है धनतेरस, जानें क्या हैं इस दिन के विशेष महत्व

अनन्या सिंह

इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाए जाने वाला धन तेरस का पर्व 13 नवंबर को पड़ रहा है। हर साल हम दिवाली से दो दिन पहले पूरे हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार को मानते हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इस बार सबकी सुरक्षा के लिए हमें बहुत सी सावधानियों और नियमों का पालन करना होगा।


धन तेरस के दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है। इस दिन धन के देवता कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस दिन सोना-चांदी, गहनों, नए बर्तन खरीदना आदि बेहद शुभ होता है। परंपराओं के मुताबिक इस दिन विशेषकर पीतल एवं चांदी के बर्तन खरीदने का रिवाज होता है। मान्यता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है उसमे लाभ होता है तथा धन-संपत्ति में भी इजाफ़ा होता है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धनतेरस से ही दीवाली के पर्व का आरंभ होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार धनवंतरी के उत्पन्न होने के दो दिनों के बाद माँ लक्ष्मी प्रकट हुई थी इसलिए यह त्यौहार दीवाली से ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है।
नए सामान खरीदने के अलावा इस दिन दक्षिण दिशा में दीप जलने का भी बहुत महत्त्व होता है। मान्यता है कि यदि इस दिन घर की लक्ष्मी दीपदान करें, तो उसके पूरे परिवार का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता हैं और वे अकाल मृत्यु से भी सुरक्षित हो जाते हैं।

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