श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले बाबा बनेंगे दूल्हा, देश की 11 नदियों के जल से होगा अभिषेक

धाम

वाराणसी में बाबा दरबार से गंगाधार तक विस्तारित श्रीकाशी धाम कॉरिडोर 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को समर्पित करेंगे। इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है। देवाधिदेव महादेव की बरात तो महाशिवरात्रि पर निकाली जाती है, लेकिन विस्तार और साज-संवार के बाद निखर उठे श्रीकाशी विश्र्वनाथ धाम के लोकर्पण से पहले बाबा दूल्हा बनेंगे। महामृत्युंजय महादेव मंदिर से श्रीकाशी विश्र्वनाथ मंदिर तक बरात निकाली जाएगी। इसमें पूरे शहर की भागीदारी तो कराई ही जाएगी, लोकार्पण समारोह के लिए आमंत्रित भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी चार दशक से महाशिवरात्रि पर शिव बरात का आयोजन करने वाली दारानगर शिव बरात समिति को दी गई है।


खास यह कि इस बरात में सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं। शंख-डमरू, शहनाई और ढोल तासा की धुन पर नगरवासी शिव के गण भूत-पिशाच , सर्प , बंदर , भालू आदि बाबा की बरात में शामिल होले हैं। आयोजन समिति के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान और महामंत्री दिलीप सिंह ने बताते हैं कि इस भव्य शोभायात्रा में देश की 11 नदिसों का जल शामिल किया जाएगा। शोभायात्रा में श्रीश्याम मंडल की ओर से 21ध्वजा की यात्रा निकालने की सहमति संस्था के पदाधिकारियों ने दी हैं।


बरात समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस तरह की शोभायात्रा पहली बार निकाली जा रही है। यह अब तक की अद्भुत और लंबी शोभायात्रा होगी। इस विशाल शोभायात्रा में चालीस झांकियां शामिल होंगी। शोभायात्रा की समाप्ति के बाद वापसी में एक दल बाबा को चढ़ाया हुआ प्रसाद वितरित करेगा। श्रीकाशी विश्र्वनाथ धाम कारिडोर का 13 दिसंबर को लोकर्पण पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसी के साथ काशी में एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की शुरूआत हो जाएगी। इसमें शाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन , देश के सभी महापौरों की सममेलन के अलावा हर दिन अलग-अलग आयोजन होने हैं। काशी चलो अभियान के तहत पूरे देश से वाराणसी के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसी क्रम में 16 दिसंबर को योगी कैबिनेट की बैठक भी प्रस्तावित हैं।

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