रामकृष्ण से बने योगगुरु, 55 में भी 25 की फुर्ती का राज आखिर क्या?

हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में जन्मे रामकृष्ण यादव शारीरिक मेहनत और तप के कारण स्वामी रामदेव बन गए। बाबा रामदेव ने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर योग, साधना और सांसकृतिक ज्ञान का अध्ययन करना शुरु किया। बाबा 55 वर्ष की अवस्था में शारीरिक मजबूती को बनाए हुए हैं। स्वामी जी ने रात-दिन का सेड्यूल बनाया है। समय के अनुसार सभी कार्य करते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव सुबह नियमित 3:30 से दिन की शुरुआत करते हैं। जागने के बाद उन्हें 2 गिलास गर्म पानी और ऑवला व एलोवेरा जूस दिया जाता है। जूस के आधे घंटे बाद फ्रेश होते हैं। शिविर में जाने से पहले वॉर्मअप में स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज करते हैं। शिविर तक करीब 1 किमी दौड़कर लगाते हैं। 5 बजे स्टेज पर पहुंचते हैं। 10 बजे तक योगाभ्यास करते हैं। उसके बाद स्नान ध्यान कर भोजन ग्रहण करते हैं। दोपहर – 12 बजे लंच में एक मौसमी सब्जी, दो रोटी और एक छोटी कटोरी चावल खाते हैं। 1 बजे देश-विदेश की बडी सख्सियत से मिलते हैं। जिसमें पॉलीटिशन,बिजनेसमैन व सीनियर अधिकारी होते हैं। 3 बजे बाबा प्रवचन हॉल में पहुंच जाते हैं। शाम- 6 से 7 बजे के बीच मे अपने फैसों से मिलते हैं। 7:30 में डिनर करते हैं, जिसमें सब्जी और दो रोटी लेते हैं। 8 बजे कोई भूला भटका मिलने के लिए उत्साहिक होता हैं तो बाबा उससे मिल लेते हैं। 10 बजे तक पढ़ने और लिखने का काम करते हैं। सबसे बड़ी खूबी कि बाबा के विस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती हैं। योग गुरु रामदेव को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। उनका जन्म 26 दिसंबर 1965 में हुआ था। पतंजली की प्रोग्रेस 2006 में हुई।

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