परफ्यूम खरीदते वक्त पता होनी चाहिए यह बातें

कांतिमय शरीर से भीनी-भीनी खुशबू किसे नहीं पसंद होगी। खुशबू के लिए हम महंगे-महंगे परफ्यूम खरीदकर कर लाते हैं। परफ्यूम खरीदने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि परफ्यूम कितने प्रकार के होते हैं और हमें किसकी आवश्यकता है।
यह जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर साक्षी श्रीवास्तव से। डॉ श्रीवास्तव ने हमें बताया कि किस तरीके से परफ्यूम इस्तेमाल करना चाहिए और उनकी क्वालिटी कैसी होनी चाहिए-
हमें परफ्यूम शरीर के उस हिस्से पर स्प्रे करना चाहिए जहाँ पल्स पॉइंट्स होते हैं। चेस्ट पर, कान के पीछे, गर्दन के नीचे, एल्बो के अंदर तथा घुटने के पीछे। यदि आप अंडरआर्म्स पर स्प्रे कर रहें हैं तो कपड़े के उपर से स्प्रे करें ताकि आपकी अंडरआर्म्स काली न हों।

अगर आपकी स्किन सेंसिटिव हैं तो परफ्यूम खरीदने से पहले एक पैक्ट टेस्ट कर लें , आपकी हथेली और एल्बो के बीच जिसको फोरार्म्स का अंदर का हिस्सा कहते हैं,स्प्रे करकर देख लें की कोई रिएक्शन तो नहीं हो रहा।

नहाने के बाद परफ्यूम लगाने से पहले अगर हम वैसलीन लगाते हैं तो परफ्यूम की खूशबू लंबे समय तक बरकरार रहती है। जो परफ्यूम लो क्वालिटी अथवा सस्ती क्वालिटी के होते हैं उनकी खूशबू लंबे समय तक टिक पाती है। इनमें बेस और मिडिल नोट्स गायब रहते हैं केवल टॉप नोट्स होते हैं। आसानी से मिल जाने वाले एसेंशियल ऑइल और सिंथेटिक फ्रेगरेंस से इन सस्ते परफ्यूम को बनाया जाता है। कभी-कभी महंगे परफ्यूम सिर्फ अपनी ब्रांड और पैकेजिंग की वजह से ही महंगे होते हैं। इन सब की वजह से ही कहा जाता है कि खरीदने से पहले उसपर रिसर्च करना जरूरी है।

जैसे कि – कितनी देर चलेगा कौनसा परफ्यूम
फ्रेगरेंस के बॉडी पर बने रहने का समय उनकी बॉटल्स पर जो लिखा जाता है उससे दर्शाया जाता है।
जैसे –
परफ्यूम – 6-8 घंटे
ऑ डे परफ्यूम – 5 घंटे
ऑ डे टॉयलेट – 2-3 घंटे
ऑ डे कलोन – 2 घंटे
बॉडी मिस्ट – एक घंटे से कम

अगर आपका परफ्यूम उच्च क्वालिटी का है जिसमें नेचुरल इंग्रीडिएंट्स हैं तो उसका रंग बदलना स्वाभाविक है। इसलिए अगर आपका परफ्यूम पहले से डार्क हो गया है तो यह एक अच्छी बात है।

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