दिल्ली में वायु प्रदूषण का बढ़ता खतरा, जानिए कब तक रहेंगे ऐसे हालात

प्रदूषण

राजधानी में प्रदूषण स्तर का ग्राफ बढ़ने की वजह से स्कूल और दफ्तरों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। बीते दिन की एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल काफी खतरनाक था, जिसकी वजह से सरकार को अवकाश देने का फैसला लेना पड़ा। 15 नवंबर की दोपहर मापा गया वायु स्तर 828 बताया गया। जिसमें गाजियाबाद और नोएडा भी शामिल है। इस समस्या की वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंख औऱ त्वचा संबंधी समस्याओं की उत्पत्ति हो रही है। दिल्ली और उत्तर भारत में दीवाली के त्योहार पर पटाखे फोड़ने की वजह से हवा का दमघोंटू स्वरूप बन गया है। पिछले 10 दिनों से दिल्ली एनसीआर पर प्रदूषण की घनी चादर चढ़ी हुई है।


मौसम विभाग ने बताया कि एक सप्ताह में तापमान पर काफी परिवर्तन देखने को मिलेगा। दिल्ली से सटे इलाकों में ताप 27 है जो एक वीक के बाद 13-14 रह जाएगा। वहीं बताया गया कि 21 नवंबर के आसपास हवा में बदलाव तो हो सकता है लेकिन एक्यूआई लेवल 250 के आसपास रहने की संभावना है। जिससे लोगों पर नकारत्मक प्रभाव कम होगा। बता दें कि हवा कि स्मॉग की मौजूदा स्थिति पीएम 2.5 निगेटिव इफेक्ट डालने की जिम्मेदार है। मालूम हो, कोरोना के दौरान देश में जब लॉकडाउन हुआ था, वाहनों की संक्या सड़कों पर कम हुई ती उस दरमयान हवा में काफी सुधार हुआ था। लॉकडाउन खुलने के बाद से वायु प्रदूषण में खतरनाक प्रभाव पड़ने लगा।


बता दें कि स्मॉग शब्द का अर्थ क्या है, दरअसल ये शब्द अंग्रेजी भाषा के फॉग से लिया गया है। साल 1905 में इस शब्द को मौसम विभाग में इस्तेमाल किया गया। क्या आप एक्यूआई लेवल की गुणवत्ता की पहचान जानते है, नहीं तो जानिए मौसम विबाग के द्वारा साझा की गई रिपोर्ट- हवा की गुणवत्ता अच्ची 0-50 रंग हरा, संतोषजनक 50-100 रंग हरा, व्यवस्थित 100-200 रंग पीला, खराब 200-300 रंग नारंगी, बेहद खराब 300-400 रंग लाल, गंभीर स्थिति बनाने वाली श्रेणी 400-500 मैरून, खतरनाक संकेत देने वाली यानि मानव जीवन को प्रबावित करने वाली गुणवत्ता 500 से ऊपर रंग बैगनी होता है।

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