अयोध्या में राम मंदिर का नींव निर्माण कार्य 60 फीसदी पूरा, 11 अगस्त को सावन मेले की होगी खास तैयारी

अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की नींव 60 फीसदी संपन्न हो चुकी है, इसी के साथ 5 अगस्त को शिलापूजन का एक वर्ष पूरा हो जाएगा। इस बार 11 अगस्त को सावन मेले की विशेष तैयारी की जा रही है। सावन मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 12 दिन रहेगी जिसमें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने रामलला को चांदी के पालने में झुलाने का फैसला किया है। जानकारी के अनुसार ये फैसला 500 वर्ष के बाद लिया जा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट महासचिव चंपत राय और राष्ट्रीय स्वंय सेवन संघ के वरिष्ठ प्रचारक गोपालजी ने झूले का माप लिया। वहीं स्वर्ण गर्भगृह बनवाने की मांग रखी गई है। आपको बता दें कि 1528 से राममंदिर का मामला चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के निस्पक्ष फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को शिला पूजन किया गया था। मंदिर की नींव 44 लेयर में निर्माण की जाएगी, जिसमें 25 लेयर तैयार हो चुकी है। मान्यता के अनुसार शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज, दशरथ महल, कोशलेस कुंज जैसे सौ मंदिरों की मूर्तियां मणिपर्वत पर झुलाने के लिए ले जाई जाती है। संतों का कहना है कि विवाद खत्म हो गया, तो रामलला को मणिपर्वत झुलाने ले जाया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर श्रीराम वल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला बालरूप में हैं। बालक मां की गोद में रहता है इसीलिए उनका जाना उचित नहीं है। शिव सेना ने राममंदिर के गर्भ ग्रह को सोने का बनवाने में समर्थन किया। शिवसेना पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख संतोष दुबे ने पीएम मोदी को पत्र भेजा, जिसमें कहा कि 500 साल के बाद शुभ समय आया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी को 5 अगस्त में स्वर्ण गर्भगृह बनाने का फैसला कर देना चाहिए।

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