लवी फंसवाल। यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर धरना दे रहे पहलवान रविवार को जब नई संसद भवन की ओर मार्च लेकर निकले, तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया। जिस पर पहलवानों ने बैरिकोंडिंगों को तोड़ दिया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक अन्य पहलवानों को हिरासत में ले लिया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से उनके तंबुओं को भी उखड़वा दिया है।

आपको बतादें, 28 मई यानी (रविवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया है। जिस पर कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया। लेकिन इसके चलते भी उद्घाटन समारोह शांतिपूर्ण पूरा हुआ। उधर जंतर- मंतर पर बैठे पहलवानों ने 28 मई को खाप पंचायत कर, नए संसद भवन के सामने मार्च निकालने की सलाह बनाई थी। बनी सलाह के मुताबिक 11:30 बजे जंतर-मंतर से पहलवानों ने संसद भवन की ओर कूच कर दिया। जिसको लेकर जगह-जगह पुलिस तैनात थी। जिसमें पुलिस ने पहलवानों को रोका, तो पहलवानों ने बैरिकोंडिंग तोड़ दिए। जिसके बाद साक्षी मलिक, सहित अन्य पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने के लिए किसानों के साथ राकेश टिक्केत भी डटे थे। लेकिन पहलवानों के समर्थन में डटे किसान अब वापस लौट गए हैं। असल में यहां पहलवानों की हिरासत पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था। लेकिन उनकी रिहाई के बाद राकेश टिकैत ने धरना प्रदर्शन के खत्म करने की घोषणा की और वापस हो गए। जिसको लेकर दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना उठ गया है। फिलहाल, पहलवानों के साथ हुए बर्ताव को लेकर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन के जैसे कांग्रेसी नेताओं ने ट्वीट कर, पहलवानों के साथ हुए अन्याय का समर्थन किया।

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