पूर्णिमा के दिन करें पीपल के पेड़ की पूजा, मिलेगी सब परेशानियों से मुक्ति

पूर्णिमा

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कुमारी साक्षी:
आज इस साल का पहला चंद्र ग्रहण है। यह चंद्र ग्रहण दुनिया के कई देशों में देखा जाएगा। भारत में इसको सुबह 8 बजकर 58 मिनट से देखा जा सकता है। लेकिन सूरज की रोशनी के कारण आम लोग इसके दर्शन नहीं कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भारत में इसको देखा ही नहीं जा सकता तो इसका सूतक मान्य नहीं होगा। जब सूरज और चंद्रमा के बीच हमारी पृथ्वी आती है तो पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है, इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। पंडितों के अनुसार अगर चंद्र ग्रहण का लाभ लेना है तो भक्तों को कई बातों का ध्यान रखना होगा। इस दिन यानी पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। क्योंकि हमारे धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी जी का वास होता है। पूर्णिमा के दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कच्चा दूध में पानी की कुछ मात्रा मिलाकर मीठे के साथ चढ़ाना चाहिए। चंद्र ग्रहण और वैशाख पूर्णिमा के दिन करनी चाहिए चंद्र देव की पूजा। आर्थिक बाधओं से छुटी पाने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चा दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स:चन्द्रमासे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:” मंत्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए। ऐसा करने से धीरे धीरे आर्थिक बाधएं खत्म हो जाती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
ॐ सों सोमाय नमः।
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:
ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नमः

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