आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कार्यशाला का आयोजन

आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कार्यशाला का आयोजन

आईआईएमटी कॉलेज समुह

आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ग्रेटर नोएडा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से सामाजिक उद्यमिता, स्थिरता और ग्रामीण जुड़ाव पर एचईआई के संकाय के लिए गौतम बुद्ध नगर जिला स्तर के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलित किया गया। कार्यशाला की शुरुआत अनुप्रयुक्त विज्ञान और मानवता विभाग की रिचा शर्मा द्वारा विषय के परिचय के साथ हुई। इस मौक पर कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि व मुख्य कार्यक्रम समन्वयक, एमजीएनसीआरई  बी. शरथ चंद्र नवीन कुमार  ने कहा कि कहा कि सामाजिक बदलाव के लिए हमें एक त्रिकोण की तरफ से समझना होगा कि जैसे त्रिकोण में तीन भुजाएं होती है ऐसी ही ग्रामीण परिवेश से छात्र कॉलेज आते हैं कॉलेज के अंदर एक अध्यापक ही सिखाता है कि आस-पास के संसाधनों का इस्तेमाल कर समाज को एक अच्छा परिणाम दे सकते हैं। इसी के साथ जो कॉलेज के पढाई कर जा चुके छात्र जब तक नए छात्रों को यह नहीं बता देते कि किस क्षेत्र में किस प्रकार से काम होता है तब तक सामाजिक बदलाव नहीं हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सामाजिक कार्य बिजनेस में बदल सकत है। उन्होंने अपने अनुभव को भी साझा किया कि कैसे वे भारत सरकार के इस दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहे हैं और अपने परिसर में व्यावसायिक गतिविधि शुरू करके और बिजनेस मॉडल को बढ़ावा देकर फैकल्टी को प्रशिक्षित होने और अच्छे उद्यमी बनने में मदद कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ . मयंक अग्रवाल ने भी सामाजिक बदलाव के लिए अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि दुनिया के संदर्भ में देखें तो मध्यमवर्ग आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलाव में उत्प्रेरक की भूमिका में आ गया है। इस की साथ ही आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग  के डॉयरेक्टर डॉ. एसएस त्यागी ने भी लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर कार्यक्रम में 30 से अधिक दिल्ली-एनसीआर के कॉलेज के प्रोफेसरों ने भाग लिया।

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