कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा के घाट पर लगाई आस्था की डुबकी, पूर्वजों की आत्माशांति के लिए किया दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा के घाट पर लगाई आस्था की डुबकी, पूर्वजों की आत्माशांति के लिए किया दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों ने गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। भारत के कई प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक गढ़मुक्तेश्वर है गंगा तीर्थ नगरी के रूप में गढ़मुक्तेश्वर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।  पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान शिव ने परशुराम से यहां शिव मंदिर की स्थापना करवाई थी। सोमवार शाम से ही लाखों लोग गंगा स्नान करने के लिए घाट पर पहुंचने लगे। इस दौरान लाखों लोगों ने अपने पूर्वजों की आत्माशांति के लिए दीपदान किया। इस दौरान देखा गया की पूर्णिमा से एक दिन पहले गंगा स्नान कर दीपदान करने की होड़ लग गई। पूर्वजों की आत्मशांति के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यूपी, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, और राजस्थान से भारी तादात में स्नान करने के लिए पहुंचे। बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है।  कार्तिक का यह महीना पूर्ण रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक के महीने की पूर्णिमा को साल में  सबसे पवित्र पूर्णिमाओं में से एक माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरा पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरा पूर्णिमा इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 को मनाई जा रही है। मान्यता के अनुसार, इस दिन विष्णु भगवान के मत्सयावतार का भी जन्म हुआ था।

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