गौतमबुद्धनगर के कारागार में स्वयं सेवी संस्था इण्डिया विजन ने दिया नशा मुक्ति का संदेश

कारागार

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की रिपोर्ट के अनुसार शराब सेवन से ही पूरे विश्व में हर साल करीब 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं नशा कई अन्य गंभीर बीमारियों की भी वजह बनता है। जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कारागार में बड़ी संख्या में ऐसे बंदी निरूद्ध है जो नशे की लत के कारण अपराध कर बैठे। नशे में व्यक्ति के स्वास्थ्य को तो क्षति पहुंचती ही है अपितु वह अपना स्वतः विवेक भी खो देता है। ऐसे में कारागार प्रशासन द्वारा स्वयं सेवा संस्था इण्डिया विजन फाउण्डेशन नई दिल्ली के तत्वावधान में विशेष तौर पर व्यापक जागरूकता अभियान के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक का आयोजन कारागार में कराया गया, जिससे बंदी कारागार से मुक्त होने के उपरांत पुनः नशे की लत में न पड़े और अपराध से बच सके।

नाटक को बनाया नशा मुक्ति का संदेश

नाटक में ओमप्रकाश एक रिटायर्ड अध्यापक हैं। परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। दोनों ही बेटे नशे की लत में डूबे रहते है। ऐसे में घर की बेटी पूरे घर का खर्च चलाती है। बेटे गौरव और नवीन हर वक्त नशे में धुत्त रहते है। नशे की लत के चलते गौरव कभी श्याम को मरा हुआ बताकर लोगों से भीख में पैसे मांगता है तो कभी अपने बाप और बहन से झगड़ा करता है। अन्त में नशे के लिए उनकी पैसे की मांग इतनी बढ़ जाती है कि वो अपने पिता की हत्या तक कर देते हैं। इस अवसर पर स्वयं सेवा संस्था इण्डिया विजन फाउण्डेशन से रहव श्रीवास्तव, मिथुन प्रताप सिंह, गगन शर्मा तथा कारागार प्रशासन से जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह, जेलर अजय कुमार सिंह एवं जेलर जितेन्द्र प्रताप तिवारी तथा कारागार के अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थिति रहे। कारागार प्रशासन द्वारा उक्त आयोजन हेतु संस्था का आभार व्यक्त किया गया।

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