कोविड-19 से रिकबरी करने के बाद कान का आंतरिक भाग हो सकता है प्रभावित

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर के शोधकर्ताओं ने मनुष्य के आंतरिक कान की जांच के लिए एडल्ट मानव आंतरिक
कोविड-19 का नाम सुनते ही लोगों में भय उत्पन्न होने लगता है। दरअसल कोरोना ने बीते साल से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया था। कितने लोगों के परिवार उजड़ गए औऱ कितने लोग भुखमरी के शिकार हो गए। वो दु:ख जब याद आता है तो आंख से अश्रु धारा प्रवाहित होने लगती है। हर क्षेत्र में मौत का मातम पसरा हुआ था, हर जगह बस चीख-पुकार सुनाई दे रही थी।
हालांकि कोरोना के हालातों में भले ही काफी सुधार हुआ है। लेकिन आप जैसा सोच रहे है कि कोरोना का प्रभाव देश से समाप्त हो गया तो आप गलत है क्योंकि अभी प्रभाव कम हुआ है खत्म नहीं। इसीलिए सावधानी पर जोर देकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा करते रहे।
आपको ज्ञात हो कि कोविड ने न सिर्फ जिंदगी को प्रभावित किया बल्कि कान के अंदरूनी हिस्से को भी प्रभावित किया है। शोधकर्ताओं ने दावा दिया कि शरीर का लगभग कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जिस पर कोरोना ने हमला न किया हो। शोध में बताया गया कि कोविड-19 आंतरिक कान को करने, सुनने और संतुलन को प्रभावित करने में सक्षम हो सकता है। इससे आपके कान में कम सुनाई देना, कानों में सन्नाहट, घंटी सी बजना, चक्कर आना औऱ संतुलन की समस्याओं जैसे लक्षण कोविड-19 के रोगियों में जांच के दौरान मिले है।
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर के शोधकर्ताओं ने मनुष्य के आंतरिक कान की जांच के लिए एडल्ट मानव आंतरिक कान के टिश्यूज के साथ सेलुलर मॉडल का उपयोग किया और उन्हें वायरस के संपर्क में लाए।
शोध के परिणाम से ज्ञात हुआ कि SARS-CoV-2 वायरस कान के आंतरिक भाग को क्षति पहुंचाने में सक्षम है। इसके अलावा वायरस से रक्त कोशिकाओं को भी प्रभावित किया है।