नए संसद भवन उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

दीपक झा। 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा होगा। उससे पहले इस पर जोरदार बहस पुरे देश में शुरू हो चुकी है। आखिर संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री क्यों, राष्ट्रपति के द्वारा क्यों नहीं करवाया जा रहा? सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसको लेकर सवाल किए थे। जिसमे उन्होंने कहा, नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। जिसके बाद से कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष हमलावर है। हालही में कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन का उद्घाटन का बहिष्कार किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर सरकार पर एससी एसटी से भेद भाव करने का गंभीर आरोप लगाया। ट्विट में उन्होंने लिखा, प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया। नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया। अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म के हाथों से नहीं करवा रहे। देशभर का SC और ST समाज पूछ रहा है, कि क्या हमें अशुभ माना जाता है, इसलिए नहीं बुलाते?
इस पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा और निशाना साधा। कांग्रेस और जो दल उनके साथ बहिष्कार कर रहे हैं। उनका लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। यह सिर्फ संसद भवन नहीं, बल्कि 140 करोड़ लोगों के आस्था का मंदिर और नए भारत की ताकत का प्रतीक है। यह कहते हैं कि राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए, तो जब इंदिरा गांधी जी ने संसद उपभवन का उद्घाटन किया। तब यह बात क्यों नहीं आई?

About Post Author