सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को झटका; ईडी कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाना अवैध

लवी फंसवाल। पहली बार संजय मिश्रा को 19 नवंबर 2018 में 2 साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने संजय मिश्रा को तीन बार 1-1 साल का एक्सटेंशन दिया था। जिसको लेकर केंद्र सरकार अध्यादेश भी लाई थी। जिसके बाद अब कोर्ट का बयान आया है, कि ईडी चीफ़ का तीसरी बार एक्सटेंशन सही नहीं है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट में ईडी चीफ़ संजय मिश्रा को तीसरी बार एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है। जिसको लेकर कोर्ट ने कहा है, कि ईडी चीफ़ का तीसरी बार एक्सटेंशन सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि, ईडी निदेशक का तीसरी बार सेवा विस्तार अवैध और कानून में अमान्य है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राहत देते हुए सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन को सही माना है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है। लेकिन, वह 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे। ताकि सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके, क्योंकि आने वाले समय में एफटीएफ की समीक्षा होनी है। SC ने कहा कि सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन सही है। कोर्ट ने कहा, उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर केंद्र के पास कार्यकाल बढ़ाने की शक्ति है। आपको बता दें कि संजय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था। उन्हें नवंबर, 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन इससे पहले मई में वे 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गए थे। नवंबर 2020 में उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया था।

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