सिंगल प्लास्टिक को काम लायक बनाने के लिए प्रस्तुत किए मॉडल

आईआईएमटी कॉलेज समूह

अरे, रुकिए! प्लीज उस प्लास्टिक बैग को कूड़ेदान में न डालें और उस प्लास्टिक की बोतल को भी… क्या आपको लगता है कि ये कचरा फेंकने के लिए हैं? ऐसे सवाल कॉलेज के छात्रों के मन में उठे तो उन्होंने प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके आईआईएमटी कॉलेज समूह में कचरे से सर्वश्रेष्ठ मॉडल प्रदर्शनी लगाई। इस प्रदर्शनी में छात्रों ने पर्यावरण के अनुकूल सामाग्री, स्वास्थ्य, स्वच्छता, मॉडल विषय पर बिना खर्च के मॉडल बनाकर लाए। इस प्रदर्शनी में आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आईआईएमटी कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, लॉ कॉलेज, कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक और कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम आईपीसीए के सहयोग से किया गया। छात्रा नेहा पाठक ने बताया कि हम सभी ने ऐसे माडल बनाए जिनका उपयोग घर में सजावत के लिए किया जा सकता है और दूसरी तरफ घर में फर्नीचर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं छात्र प्रेम कुमार ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमने एक संदेश दिया कि किस प्रकार से प्लास्टिक का फिर से उपयोग किया जा सकता है। प्रदर्शनी को देखने के बाद आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि हम सभी को कम से कम प्लास्टिक को उपयोग में लाना चाहिए। प्लास्टिक न तो नष्ट होता है और न ही सड़ता है। प्लास्टिक 500 से 700 साल बाद नष्ट होना शुरू होता है और पूरी तरह से डिग्रेड होने में उसे 1000 साल लग जाते हैं। इसका मतलब यह हुआ जितना भी प्लास्टिक का उत्पादन हुआ है वह अब तक नष्ट नहीं हुआ है। इस प्रदर्शनी में छात्रों ने पर्यावरण के अनुकूल सामाग्री, स्वास्थ्य, स्वच्छता, मॉडल विषय पर बिना खर्च के मॉडल बनाकर लाए। इस मौके पर आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के पर्यावरण क्लब के मुख्य समन्वयक सत्यवीर सिंह, सचिन, अपर्णा, इंदु, पवन, अनुपम, गोविंद, धर्मेंद्र सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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