दीपक झा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी बृहस्पतिवार को जब व्हाइट हाउस वाशिंगटन में उनका भव्य स्वागत किया जा रहा था तो वह जो बिडेन के मुरीद हो गए। अमेरिका के मुरीद हो गए, वहां पर आए हुए लोगों के मुरीद हो गए। आपको बता दे, तो प्रधानमंत्री ने बहुत सी बातें कहीं, जिसमें उन्होंने अपने पुराने आमिर के दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने अपने पुरानी यादें साझा की। पहले जब जो बाईडेन का संबोधन हुआ, उसमें भी जो बाईडेन ने कहा, कि हम कोशिश करेंगे कि हमारा और आपका रिश्ता मजबूत हो। भारत अमेरिका का रिश्ता मजबूत हो। आपको बता दे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिन अमेरिका दौरे पर हैं। इन सब के बीच पहला दिन न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े उद्योगपति से मुलाकातें की, चर्चाएं की। भारत में निवेश को लेकर संवाद किया। हम मुलाकात और चर्चित मुलाकातों में से एक एलोन मस्क की रही। जिसमें मीडिया से बात करते हुए, और भारतीय मीडिया से बात करते हुए एलोन मस्क ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन हैं, और उनके विचारों के वह कायल हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह भारत में निवेश करने के लिए सोचेंगे, और जल्द ही भारत में बड़ा निवेश किया जाएगा। टेस्ला भारत में आने के लिए उत्सुक है, और बहुत ही जल्द भारत में टेस्ला एंट्री कर जाएगी। इसी के साथ जब आज बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो बाईडेन से मिलने व्हाइट हाउस वॉशिंगटन डीसी जा रहे थे, तो उनका भव्य स्वागत और मोदी -मोदी के नारे लग रहे थे। आपको बता दे, तो जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन शुरू किया, तो फिर उन्होंने कई किस्से गिनवाई। कई रिश्ते गिनवाये, कई घटनाएं गिनवाई, उन्होंने कहा कि मैं पहली बार जब तीन दशक पहले मैं यहां पर आया था, तो एक आम नागरिक की तरह आया था। और मैं आपके ही तरह इंतजार कर व्हाइट हाउस को देख रहा था, लेकिन आज मैं यहां हूं ऐसा नहीं है, कि यह पहली यात्रा है। मेरी लेकिन यह यात्रा इसलिए खास है, क्योंकि ऐसा स्वागत पहली बार हुआ। इतिहास में पहली बार भारतीय मूल निवासियों के लिए व्हाइट हाउस खोला गया। व्हाइट हाउस में भारतीय मूल निवासियों को जगह दी गई। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत के 140 करोड़ देशवासियों की है। जिसमें करीब 4 मिलियन जो भारतीय मूल निवासी जहां रह रहे हैं, उनकी भी यह सम्मानजनक स्थिति है। वह भी गर्भ महसूस कर रहे, इसके लिए मैं जो बाईडेन का धन्यवाद कर रहा हूं। आज जो हमारे और जो बाईडेन के बीच बातें होंगी, चर्चाएं होंगी, मैं आशा करूंगा, कि वह सार्थक और सार्थक ही होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे दो बड़े लोकतांत्रिक देश आज एक टेबल पर बैठेंगे। एक साथ बात करेंगे। जो बाईडेन ने जो यह सम्मान दिया है, उसके लिए मैं उनका जितना भी धन्यवाद करूं, वह कम है।

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