दीपक झा। देश में एक बार फिर से एक देश एक चुनाव की चर्चाएं होने लगी। दरअसल, संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। यह सत्र दरअसल 18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर के बीच होगा। अभी यह जारी नहीं किया गया है कि आखिर यह विशेष सत्र क्यों बुलाया गया। लेकिन यहां पर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि एक देश एक चुनाव पर चर्चा कर भाजपा यह बिल ला सकती है। केंद्रीय सांसद मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अमित कल के लिए विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। यह सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच होगा और इसमें अहम विषयों पर चर्चा होगी। इसके बाद से पूरे देश की राजनीति में भूचाल मच गया और इस बात को लेकर चर्चाएं होने लगी कि क्या 2024 में एक देश एक चुनाव का फार्मूला लागू कर बीजेपी मास्टर स्ट्रोक खेलना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लाल किले से वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में कह चुके हैं। वह अपने भाषणों में कई बार वन नेशन वन इलेक्शन के लिए चर्चाएं करते हैं और उसके बारे में बोलते नजर आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि यदि देश एक है तो इलेक्शन कई बार क्यो। आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पहले जोशी के बयान के बाद बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि दरअसल तीन राज्यों में जो चुनाव होना है उसके हर कदम से बीजेपी अड़ी हुई है और इसीलिए उसे जड़ से निपटने के लिए बीजेपी चाल चल रही है और वन नेशन वन इलेक्शन का फार्मूला लागू करना चाहती है। सरकार की तरफ से अभी पुष्टि नहीं की गई है।

One Nation One Election
अगर यह लागू होता है तो 2024 में राज्य और राष्ट्र दोनों का चुनाव एक साथ हो सकता है। यानी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी एक साथ खड़े होंगे और प्रधानमंत्री के उम्मीदवार भी एक साथ खड़े होंगे। जहां राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेला है क्योंकि इंडिया गठबंधन जो बना है इंडिया गठबंधन के नेता कई बार कह चुके हैं कि उनका जो गठबंधन है दरअसल, नेशन लेवल पर है। यह राज्यों के भीतर नहीं है और राज्यों के भीतर जो लड़ाई है, पार्टियों के बीच वह जारी रहेगी। हमारी लड़ाई जारी रहेगी। लेकिन हम लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकसभा का चुनाव एक साथ लड़ेंगे। जोकि यदि वन नेशन वन इलेक्शन लागू होता है। उसके बाद पार्टियों के भीतर इस बात को लेकर लड़ाई हो जाएगी कि आखिर कौन सी पार्टी किसके विरोध में चुनाव लड़ेगी। यदि आप ध्यान दें कांग्रेस पार्टी के अलावा कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है जो राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो और बाकी जितने भी पार्टी हैं। वह रीजनल पार्टी हैं ऐसे में बीजेपी का यह मास्टर स्टॉक बताया जा रहा है और यदि यह लागू होता है तो एक साथ पूरे देश में चुनाव होंगे 2024 में।

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