नेहरू नाम से नहीं काम से जाने जाते थे, नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर राहुल गांधी की आई प्रतिक्रिया

दीपक झा। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय जब से किया गया है, तभी से कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के नेताओं का बयान सामने आ रहे हैं। सभी इसका विरोध कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, नेहरू जी की पहचान उनके कर्म से है, ना कि उनके नाम से। लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गए हुए हैं। उससे पहले दिल्ली के हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए, राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल के नाम बदलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने कहा नेहरू जी की पहचान उनके कर्म से है, उनके नाम से नहीं। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय किया गया, जब से बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। वार पलटवार चल रहा है।

नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर 14 अगस्त से प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय पीएमएल समिति कर दिया गया है। जून में ही नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने का प्रस्ताव मंजूर किया गया था। अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसको लागू भी किया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्विटर यानी एक्सपर्ट एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्रधान मंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) बन गया है।प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P लगा दिया है। यह P वास्तव में (Pettiness) ओछापन और (Peeve) चिढ़ को दर्शाता है।

लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी कम नहीं कर सकते। चाहे इन उपलब्धियों पर PM मोदी और उनके लिए ढोल पीटने वाले जितना हमला करते रहें। लगातार हो रहे हमलों के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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