मणिपुर हिंसा; उपद्रवी पुलिस थानों से लूट रहे हथियार

लवी फंसवाल। मणिपुर की हिंसा अभी तक जारी है। दंगाई भयानक उपद्रव मचा रहे हैं। इस समय भले ही वहां सीआरपीएफ हर समय तैनात है, मगर उनके पास नई- नई चुनौतियां आ रही हैं। दंगाइयों द्वारा जगह-जगह खड़ी की जा रही बाधाएं सेना के रास्ते में रुकावट बना रही हैं, क्योंकि जिस रफ्तार से सेना आगे बढ़ना चाह रही है। वह संभव नहीं हो पा रहा।

आपको बतादें, कि मणिपुर में बढ़ती हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। सेना, असम राइफल और सीआरपीएफ ने मोर्चा तो संभाला हुआ है, मगर उनके सामने नई- नई रुकावटें व चुनौती आ रही हैं। जिस रफ्तार से सेना बल आगे बढ़ना चाह रहा है, वह संभव नहीं हो पा रहा है। उपद्रवियों ने पहले तो वहां की दुकानों में आग लगाई और उन्हें लूटा। लेकिन इसके बाद वह पुलिस थानों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इसी के चलते करीब डेढ़ दर्जन पुलिस थानों से हथियार लूट चुके हैं। लूटे गए हथियारों की संख्या लगभग 350 के आसपास बताई जा रही है। दरअसल, दिक्कतें यहां आ रही हैं, कि हथियार दंगाइयों के हाथों में पहुंच चुके हैं। जिससे दंगाई हथियारों का इस्तेमाल सुरक्षा बलों के खिलाफ कर रहे हैं। वहीं के इलाके चुराचंदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हुए हैं। यहां जितनी भी अलग-अलग जगह एनकाउंटर हुए हैं, वहां उपद्रवियों के हाथों से लूटे हुए हथियार बरामद हुए हैं। वही के सैतोन और तोरवुंग इलाके में भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल हुआ है। इसी हिंसा के चलते ‘सेकेंड इन कमांड’ का पूरा घर जला दिया गया। वाहनों को आग लगा दी गई। इंफाल के करीब 60 किलोमीटर इलाके में लगभग पचास से ज्यादा घर जला दिए गए हैं। हिंसा का सबसे ज्यादा असर सीआरपीएफ पर हो रहा है। सीआरपीएफ कोबरा के एक जवान की मौत हो गई है। वहीं इसके अलावा जवानों और अधिकारियों के आवास में आग लगाई गई है। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, उपद्रवियों द्वारा की जा रही हिंसा में हुए नुकसान का मुआयना किया जा रहा है। कुछ समय बाद ही इस भारी नुकसान की स्थिति का पता चल सकेगा।

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