दीपक झा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वो अमरीकी संसद को संबोधित से लेकर अमेरिका के द्वारा 21 तोपों की सलामी तक शामिल है। कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्ष के नेता मोदी को चुनावी नेता पहले ही बता चुके है, आपको यदि, याद हो तो पहले कई विपक्षी नेता नरेंद्र मोदी को विदेश मंत्री बताया करते थे। अब हाल ही में नया विवाद सामने आया है। जिसमें फिर से सभी विपक्षी पार्टी मोदी पर जुबानी हमला कर रहे हैं। दरअसल, मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। 100 से ऊपर लोग हिंसा में मारे जा चुके हैं, 50000 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। देश के गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर का दौरा कर चुके हैं। लेकिन हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है।

आपको बता दे, तो मणिपुर में इस समय समुदाय दो टुकड़ों में बँट सा गया है। यदि ये कहे मणिपुर ही दो भागो में बटा हुआ है, तो कम नही होगा। दरअसल, मणिपुर में दो समुदाय की लड़ाई चल रही है। यह लड़ाई इतनी भयावह रूप ले लेगी किसी ने सोचा नहीं था। एक हिस्सा मैतेई लोगों के पास है, दूसरा कुकी लोगों के पास। हिंसा का मंजर जिस तरह दिख रहा है, वो एक दो हफ्तों का नहीं बल्कि कई महीनो का लग रहा है। जिसमें कई जिंदगी कई घर बर्बाद हो गए हैं, बस्ती की बस्ती, गांव के गांव बर्बाद हो गए हैं। जिस तरह की फ़ॉल्टलाईन्स अब यहाँ दिख रही हैं। उससे तो ऐसा ही लगता है, हिंसा लंबे समय के लिए पड़ चुकी है। आज़ादी के बाद जो ईसाई धर्म मानने वाले थे, उन्हें कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है, तो वहीं मैतई हिंदू समुदाय में कुछ को आरक्षण नहीं मिला, जबकि कुछ अनुसूचित जाति बने और कुछ को ओबीसी का दर्जा मिला। लड़ाई की असली वजह, मैतई हिंदू समुदाय चाहता है, की उसको भी अनुसूचित जनजाति में सामिल किया जाए। झगड़े की वजह यही है, क्योंकि मैतेई लोग कुकी इलाक़ों में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते और अब वे भी जनजाति का दर्जा चाहते हैं। अब यह मामला ज़मीन पर अधिकार का है, 28 लाख की आबादी में बहुसंख्यक मैतेई घाटी में रहते रहे हैं। जबकि कुकी आबादी चार पहाड़ी ज़िलों में बसी हुई है। इस हिंसा में एक दूसरे के यहां जा बसे दोनों समुदाय के लोग शिकार हुए हैं। वैसे राज्य में मैतई मुसलमान और नगा भी हैं जो इस हिंसा से अछूते रहे।

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